इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन के 12वें मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स ने राजस्थान रॉयल्स को 8 रन से हरा दिया। चेन्नई सुपरकिंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 175 रन बनाये, जिसके जवाब में राजस्थान रॉयल्स की टीम 20 ओवर में 167/8 का स्कोर ही बना सकी।
राजस्थान रॉयल्स की यह इस सीजन में लगातार तीसरी हार है। एक समय टीम काफी अच्छी स्थिति में थी लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की 75 रनों की धुआंधार पारी ने मैच का रूख ही पलट दिया। आइए जानते हैं राजस्थान रॉयल्स की इस हार के 3 प्रमुख कारण क्या रहे।
3. बेन स्टोक्स का आखिरी ओवर में आउट होना
खराब शुरूआत के बावजूद दिग्गज ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने राजस्थान रॉयल्स की पारी को संभाल लिया था लेकिन आखिरी ओवर में उनके आउट होने की वजह से ही टीम को हार का सामना करना पड़ा।
आखिरी ओवर में राजस्थान रॉयल्स को जीत के लिए 12 रन चाहिए और सामने गेंदबाज ड्वेन ब्रावो थे। यहां पर पलड़ा राजस्थान रॉयल्स का भारी था लेकिन पहली ही गेंद पर स्टोक्स बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में सुरेश रैना को कैच थमा बैठे और इसके साथ ही राजस्थान की जीत की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। हालांकि दूसरे छोर पर जोफ्रा आर्चर आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन वे जीत नहीं दिला सके। स्टोक्स ने सिर्फ 26 गेंद पर 46 रन बनाए लेकिन आखिरी ओवर की पहली गेंद पर आउट होने की वजह से टीम को जीत नहीं दिला सके।
2.खराब शुरुआत
जब आप 176 रन जैसे विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो फिर टीम को एक बेहतरीन शुरूआत की जरूरत होती है। लेकिन राजस्थान रॉयल्स की शुरूआत बेहद खराब रही। पारी की दूसरी ही गेंद पर कप्तान अजिंक्य रहाणे बिना खाता खोले आउट हो गए। इसके बाद तीसरे ओवर में संजू सैमसन (8) और चौथे ओवर में जोस बटलर (6) भी आउट हो गए। महज 14 रन पर ही राजस्थान की टीम ने अपने 3 अहम विकेट गंवा दिए। इसकी वजह से बाकी बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ गया और आखिर में टीम को हार का सामना करना पड़ा।
1.डेथ ओवरों में खराब गेंदबाजी
राजस्थान रॉयल्स ने पहले गेंदबाजी करते हुए शुरूआत काफी शानदार की थी। उन्होंने सिर्फ 27 रन पर चेन्नई सुपर किंग्स के 3 विकेट चटका दिए थे। हालांकि बीच में कप्तान धोनी ने सुरेश रैना और ड्वेन ब्रावो के साथ मिलकर पारी को संभाला। इसके बावजूद राजस्थान की टीम अच्छी स्थिति में थी। लेकिन आखिर में धवल कुलकर्णी और जयदेव उनादकट ने बेहद खराब गेंदबाजी की।
जोफ्रा आर्चर ने एक छोर पर शानदार गेंदबाजी की लेकिन कुलकर्णी और उनादकट के ओवर काफी महंगे रहे। इन गेंदबाजों के सिर्फ 2 ओवर में 40 से ज्यादा रन बने। जिसकी वजह से चेन्नई की टीम 175 के लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब रही।