इस बार होने वाले आईपीएल के लिए नीलामी प्रक्रिया जयपुर में समाप्त हुई। सभी टीमों ने खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त करते हुए अपनी टीमों को अंतिम दिया है। एक टीम में ज्यादा से ज्यादा 25 खिलाड़ी शामिल किये जा सकते हैं। यह एक बड़ा ऑक्शन नहीं था क्योंकि कई टीमों ने पहले ही अपने मजबूत खिलाड़ियों को रिटेन कर लिया था। इसके अलावा कमजोर नजर आ रहे खिलाड़ियों को रिलीज भी किया गया था। जिन टीमों के अहम खिलाड़ी रिटेन नहीं हुए उन्हें बहुत खराब स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
टूर्नामेंट के शुरू होने में सभी टीमों के पास प्रैक्टिस सहित अंतिम एकादश और अन्य चीजों की रणनीति के लिए तीन महीने का समय है। कुछ टीमों को साफ़ तौर पर कमजोर कहा जा सकता है। उनके पास 2 या 3 मुख्य खिलाड़ियों के अलावा अन्य विकल्प नजर नहीं आते। कमजोरी का फायदा विपक्षी टीमें उठा सकती है इसलिए मैदान पर उचित रणनीति तैयार करने की जरूरत होगी। यहां हम इस बार आईपीएल की तीन सबसे कमजोर टीमों के बारे में बात करेंगे, जो बाकी टीमों की तुलना में पीछे नजर आती है।
दिल्ली कैपिटल्स
दिल्ली कैपिटल्स की टीम में इस बार कई खिलाड़ियों को खरीदा गया है। नीलामी में उन्होंने खरीदने की प्रक्रिया में ख़ासा ध्यान लगाया था। कहीं न कहीं कुछ खिलाड़ी उन्होंने सोच समझकर नहीं खरीदे हैं। इस वजह से बाकी टीमों की तुलना में अभी भी वे कमजोर ही नजर आते हैं। ओपनर के तौर पर कई खिलाड़ियों को लेने के बाद उनके पास मिडल ऑर्डर के लिए कोई खिलाड़ी नहीं है यह भी कमजोरी का एक संकेत कहा जा सकता है।
टीम
श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, अमित मिश्रा, आवेश खान, हर्षल पटेल, राहुल तेवतिया, जयंत यादव, मनजोत कालरा, कॉलिन मुनरो, कगिसो रबाडा, संदीप लामिचाने, ट्रेंट बोल्ट, हनुमा विहारी, अक्षर पटेल, इशांत शर्मा, अंकुश बेंस, नाथू सिंह, कॉलिन इनग्राम, शेरफेन रदरफोर्ड,कीमो पॉल, जलज सक्सेना।
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