#2. मनोज तिवारी:
अनुभवी खिलाड़ी मनोज तिवारी इस सीजन अनसोल्ड रहे थे, उनकी बेस प्राइस 50 लाख रुपये थी। अगर मनोज तिवारी को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर फ्रेंचाइजी खरीद लेती तो उनकी मध्यक्रम वाली परेशानी समाप्त हो सकती थी।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने ऑक्शन में 5 करोड़ रुपये में शिवम दूबे को और 3.60 करोड़ रुपये में अक्षदीप नाथ को खरीदा था। उन्हें टीम में मौका देकर आजमाया भी गया लेकिन वे भी फ्लॉप साबित रहे। मनोज तिवारी ने साल 2017 में पुणे की ओर से शानदार प्रदर्शन किया था। मनोज तिवारी का अनुभव रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए मध्यक्रम में काम आ सकता था। मनोज तिवारी के नाम 98 मैचों में 28.72 की औसत से और 116.97 की स्ट्राइक रेट से 1695 रन दर्ज हैं। उन्होंने आईपीएल में 7 अर्धशतक भी लगाए हैं।
#1. केन रिचर्डसन:
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज केन रिचर्डसन इससे पहले आईपीएल में पुणे वॉरियर्स (2013), राजस्थान रॉयल्स (2014) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (2016) जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। केन रिचर्डसन ने साल 2016 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते हुए 4 मैचों में 7 विकेट चटकाए थे। उन्होंने आईपीएल के 14 मैचों में 24.61 की औसत से 18 विकेट लिए हैं।
केन रिचर्डसन का हालिया बिग बैश सीजन अच्छा गुजरा था। वे इस सीजन सर्वधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में पहले स्थान पर थे। उन्होंने इस सीजन 14 मैचों में 17.70 की औसत से 24 विकेट चटकाए थे। जबकि उस दौरान उनकी इकोनॉमी 7.75 की रही। अगर केन रिचर्डसन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा होते तो वे गेंदबाजी पक्ष को मजबूत कर सकते थे।