इंडियन प्रीमियर लीग का बहुप्रतीक्षित 12 वां संस्करण शनिवार से शुरू हो गया। गत विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। धोनी ने सभी को चौंकाते हुए केवल तीन विदेशी खिलाड़ियों के साथ उतरने का फैसला किया।
कप्तान विराट कोहली ने पार्थिव पटेल के साथ पारी की शुरुआत की। स्पिनरों के लिए मुफीद इस पिच पर सबसे पहले हरभजन ने कोहली को अपना शिकार बनाया। चेपक की धीमी विकेट पर हरभजन ने इसके बाद मोईन अली और एबी डीविलियर्स के महत्वपूर्ण विकेट लिए।
वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज शिमरोन हेटमेयर एक रन बनाकर आउट हो गए और बैंगलोर का कोई भी बल्लेबाज विकेट पर टिकने के मूड में नहीं दिखा।
आखिरकार, आरसीबी आईपीएल इतिहास के तीसरे सबसे कम स्कोर पर आउट हो गई। हालांकि, चेन्नई ने भी धीमी शुरुआत की लेकिन अंततः उन्होंने 7 विकेटों से यह मैच जीत लिया। इस जीत में हमेशा की तरह, धोनी ने कुछ ऐसे बेहतरीन फैसले किये जिन्होंने सुपरकिंग्स की जीत सुनिश्चित की।
तो आइए जानते हैं कप्तान धोनी के वे तीन मास्टर स्ट्रोक जिनकी वजह से सीएसके ने जीत दर्ज की:
#3. केवल तीन विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलना
कप्तान धोनी का सबसे बड़ा मास्टर-स्ट्रोक यह था कि उन्होंने टीम की प्लेइंग इलेवन में केवल तीन विदेशी खिलाड़ियों को जगह दी। अपने इस फैसले से उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। दरअसल, माही टीम में हरभजन और जडेजा दोनों को खेलाना चाहते थे इसलिए उन्होंने सिर्फ 3 विदेशी खिलाड़ियों के साथ उतरने का फैसला किया।
धोनी स्पिन विभाग में विविधता लाना चाहते थे इसलिए उन्होंने टीम में बाएं हाथ के स्पिनर रविन्द्र जडेजा, दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और दाएं हाथ के लेग स्पिनर इमरान ताहिर की तिकड़ी को एक साथ उतारने का फैसला किया।
इस तिकड़ी ने मिलकर कुल आठ विकेट चटकाए। कोई भी यह बहस कर सकता है कि धोनी मिशेल सेंटनर के साथ जा सकते थे, लेकिन चेन्नई के पास पहले से ही जडेजा के रूप में बाएं हाथ का अनुभवी स्पिनर मौजूद था।
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#2. सही समय पर स्पिनरों का इस्तेमाल
चेन्नई सुपर किंग्स ने चाहर और हरभजन सिंह को शुरुआती ओवरों में गेंदबाज़ी की ज़िम्मेदारी सौंपी। लेकिन कुछ ओवरों के बाद ही यह स्पष्ठ हो गया था कि चेपक स्टेडियम की यह पिच स्पिनर्स के लिए मददगार थी।
लेकिन क्योंकि आरसीबी के बल्लेबाज दबाव में थे इसलिए कप्तान धोनी ने तुरंत स्पिनरों को गेंद नहीं थमाई, उन्होंने मध्य-ओवरों में जडेजा और इमरान ताहिर का इस्तेमाल किया और इन दोनों ने बैंगलोर के मध्य-क्रम को तहस-नहस कर दिया।
जबकि दक्षिण अफ्रीकी लेग स्पिनर ने अपने चार ओवरों के स्पेल में 9 रन देकर तीन विकेट लिए,वहीं दूसरी ओर, जडेजा ने अपने स्पेल में 15 रन देकर दो विकेट हासिल किए। अपनी पारी में आरसीबी का कोई भी खिलाड़ी इस स्पिन तिकड़ी के सामने टिक कर नहीं खेल सका।
केवल पार्थिव पटेल ही कुछ समय के लिए गेंदबाजों को टक्कर देते दिखे और उन्होंने सबसे ज़्यादा 29 रन बनाए। पार्थिव आरसीबी की तरफ से दोहरे अंक तक पहुंचने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ रहे।
#1 हरभजन से गेंदबाज़ी की शुरुआत कराना
आरसीबी के खिलाफ हरभजन सिंह ने कप्तान विराट कोहली, एबी डीविलियर्स और मोइन अली जैसे तीन बल्लेबाजों के बेहद अहम विकेट लिए थे। चेन्नई सुपरकिंग्स ने तीन विशेषज्ञ स्पिनरों को एकसाथ उतारने का फैसला किया।
चूंकि, चेपक स्टेडियम की पिच स्पिन गेंदबाजी के लिए एकदम उपयुक्त थी इसलिए कप्तान धोनी का यह फैसला सबसे बड़ा मास्टर-स्ट्रोक था। चेन्नई के पास रवींद्र जडेजा, हरभजन सिंह, और इमरान ताहिर के रूप में तीन बेहतरीन स्पिनर थे।
एमएस धोनी ने पावर-प्ले में ही हरभजन को गेंद थमाकर अपनी सूझ-बूझ और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया क्यूंकि आमतौर पर स्पिनरों से पॉवर-प्ले के बाद ही गेंदबाज़ी कराई जाती है। लेकिन टर्बनेटर ने कप्तान द्वारा दिखाए भरोसे को टूटने नहीं दिया और पावर-प्ले में ही विराट कोहली का महत्ववपूर्ण विकेट लिया।
अगर कोई और कप्तान होता, तो वह शायद इमरान ताहिर को गेंद सौंपता क्योंकि हरभजन ने काफी समय से कोई मैच नहीं खेल था। इसके बावजूद, धोनी ने भज्जी पर भरोसा दिखाया जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुया औरचेन्नई सुपर किंग्स ने अपने विजयी अभियान की शानदार शुरुआत की।
लेखक: ब्रोकन क्रिकेट अनुवादक: आशीष कुमार