इंडियन प्रीमियर लीग की सबसे सफल टीमों में शुमार चेन्नई सुपर किंग्स यूएई में हो रहे 13वें सीजन में अपने खराब प्रदर्शन के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है। अब तक खेले 6 मैचों में चेन्नई को केवल दो में जीत मिली है, जबकि किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीत से पहले उसने हार की हैट्रिक लगाई थी। चेन्नई की हार के पीछे कई एक्सपर्ट टीम के उम्रदराज खिलाड़ियों को जिम्मेदार मान रहे, तो कई धोनी की धार खत्म होने की बात कह रहे।
हालांकि चेन्नई के ऐज़ फैक्टर को मुनासिब नहीं माना जा सकता क्योंकि 2018 में खिताब जीतने वाली टीम के ज्यादातर खिलाड़ी मौजूदा टीम का हिस्सा हैं। ऐसे में टीम की कोलकाता नाइट राइडर्स के 167 रनों के लक्ष्य के सामने महज़ 10 रनों से मिली हार किसी को हज़म नहीं हो रही। चेन्नई कुछ बदलावों के साथ वापस जीत के ट्रैक पर लौट सकती है जिसके लिए उसे कुछ परिवर्तन करने होंगे। इस लेख में आईये जानते हैं इन तीन बदलावों के बारे में जो चेन्नई को जरूर करने चाहिए।
#3 केदार जाधव की जगह ऋतुराज गायकवाड़
चेन्नई के लिए मध्यक्रम में रीड की हड्डी की भूमिका निभाने वाले केदार जाधव आउट ऑफ फॉर्म नज़र आ रहे। उन्होंने इस सीजन में अब तक कोई ऐसी पारी नहीं खेली है जिसके दम पर चेन्नई ने राहत की सांस ली हो। जाधव ने इस सीजन 6 मैचों में महज 19.33 की औसत से 58 रन बनाए हैं। वहीं उनका स्ट्राइक रेट 100 से भी कम है जिसका अर्थ है जाधव जितनी गेंदे खेलते हैं उससे कम रन बना रहे।
जाधव की जगह टीम में मौजूद ऋतुराज गायकवाड़ को मौका दिया जाना चाहिए जो एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज है और उनका घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड रहा है। इसके अलावा एक युवा खिलाड़ी होने के नाते उनपर खुद को साबित करने का दबाव होगा। इससे पहले ऋतुराज को दो मैचों में मौका मिला है जिसमें से एक मैच में वह रन आउट हो गए थे। लेकिन अब वक्त आ गया है जब धोनी अपने युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताएं और उन्हें अधिक से अधिक मौके प्रदान करें।
#2 धोनी तय करें अपना बल्लेबाजी क्रम
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का टूर्नामेंट के शुरुआत से लेकर अब तक बल्लेबाजी क्रम तय नहीं हो पाया है। कभी वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतर रहे तो कभी छठे नंबर पर। किसी भी टीम का बेहतरीन प्रदर्शन उसके बल्लेबाजी क्रम पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है। इससे न सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी बल्कि सलामी जोड़ी के बाद बाकी खिलाड़ियों को भी तालमेल बैठाने में आसानी होगी और वो अपना किरदार को अच्छे से निभा पाएंगे।
हालांकि क्रिकेट के खेल में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि परिस्थितियों के अनुसार ही फैसले लिए जाने चाहिए। लेकिन किसी भी टीम का प्रदर्शन खिलाड़ियों के सही चुनाव क साथ बल्लेबाजी क्रम पर टिका रहता है। दिल्ली कैपिटल्स की टीम इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है जिन्होंने मार्कस स्टोइनिस का इस्तेमाल एक फ्लोटर के रुप में किया है और यह उनके लिए एक कारगर कदम साबित हुआ। सीएसके भी इस दिशा में काम कर जीत हासिल कर सकती है।
#1 जोश हेजलवुड की वापसी
ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट क्रिकेट के प्रमुख तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने भले वनडे और टी-20 क्रिकेट कम खेली हो लेकिन सीमित ओवर में उनके आंकड़ों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने अब तक खेले 44 वनडे मुकाबलों में 5 से कम की इकॉनमी से रन देकर 72 विकेट लिए हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स से अब तक इस दिग्गज गेंदबाज को सिर्फ एक ही मैच में मौका मिला है जिसमें वह कोई विकेट हासिल नहीं कर सके थे। हालांकि दिल्ली के खिलाफ खेले गए मैच में हेजलवुड दूसरे सबसे किफायती गेंदबाज साबित हुए थे।
मंबई इंडियंस में शामिल जेम्स पैंटिसन भी शुरुआती मैचों में उतने प्रभावशाली नहीं रहे थे लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने उनपर भरोसा जताया और लगातार मौके दिए। जिसका नतीजा यह रहा कि पैटिंसन अब तक खेले गए टूर्नामेंट में 21 मैचों के बाद सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने अब तक खेले 6 मैचों में 9 विकेट झटके हैं।