दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) वह टीम है जिसने आईपीएल के इस सीजन की शुरुआत बेहद धमाकेदार तरीके से की थी। टूर्नामेंट जैसे-जैसे आगे बढ़ा, वैसे-वैसे दिल्ली कैपिटल्स का खेल भी खराब होने लगा और जीत का ग्राफ नीचे आने लगा। प्लेऑफ़ में भी दिल्ली कैपिटल्स शुरुआती मैचों में जीतने के कारण ही पहुंची थी। हालांकि कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी धाकड़ रहा है और उनके कारण ही दिल्ली कैपिटल्स की टीम प्लेऑफ़ तक का सफर तय करने में सफल रही है। मुश्किलों से टकराते हुए दिल्ली ने प्लेऑफ़ में पहुंचकर खुद को साबित किया है।
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दूसरे क्वालीफायर मैच में जीतने के बाद दिल्ली कैपिटल्स को फाइनल में पहुंचने का मौका मिल सकता है। फाइनल में मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीम मौजूद है। देखा जाए तो दिल्ली के लिए टूर्नामेंट अच्छा भी रहा है और मुश्किल भी रहा है। श्रेयस अय्यर ने कप्तानी से ख़ासा प्रभावित किया है। युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण वाली यह टीम अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाने में सफल रही है लेकिन ग्रुप चरण के अंत तक आते-आते टीम की मुश्किलें भी बढ़ती गई। इस बार दिल्ली ने ट्रेड से अपने साथ कुछ खिलाड़ियों को जोड़ा और कुछ खिलाड़ियों को खरीदा। वे खिलाड़ी उन्हें महंगे पड़े हैं। प्रदर्शन के हिसाब से तीन फ्लॉप खिलाड़ियों का जिक्र यहाँ किया गया है।
दिल्ली कैपिटल्स को पड़े ये 3 खिलाड़ी महंगे
डेनियल सैम्स
इस बार दिल्ली कैपिटल्स ने इस खिलाड़ी को बतौर ऑल राउंडर शामिल किया था। जेसन रॉय की अनुपलब्धता के चलते सैम्स को टीम में शामिल किया आया। सैम्स को ज्यादा मैच खेलने का मौका तो नहीं मिला जितने भी मैच उन्होंने खेले, उनमें वह अपना प्रदर्शन नहीं दिखा पाए। बतौर ऑल राउंडर खेलने वाले इस खिलाड़ी ने दिल्ली के लिए इस आईपीएल में 3 मैच खेले हैं और तीनों में ही न कोई रन बना पाए और न कोई विकेट ले पाए।
अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे को राजस्थान रॉयल्स से दिल्ली कैपिटल्स ने अपने साथ जोड़ा था। टीम के बल्लेबाजी क्रम को स्थायित्व देने के लिए रहाणे का चयन किया गया लेकिन यह बदलाव भी भारी पड़ा। रहाणे ने इस आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिए कुल 7 मुकाबले खेले हैं और उनमें उन्होंने 1 अर्धशतक की मदद से महज 111 रन बनाए हैं। उनको लेना दिल्ली के लिए महंगा पड़ा है।
शिमरोन हेटमायर
वेस्टइंडीज का यह धाकड़ खिलाड़ी दिल्ली की उम्मीदों पर खरा नही उतर पाया है। हेटमायर ने इस आईपीएल में कुल 10 मैच खेलकर 228 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से महज 1 अर्धशतक आया है और जरूरत के समय टीम को उनकी सेवाएं नहीं मिल पाई। इस फ्लॉप प्रदर्शन से यही कहा जा सकता है कि हेटमायर को टीम में शामिल करना दिल्ली कैपिटल्स को महंगा पड़ा।