2.लगातार कप्तान बदलने से टीम को नुकसान होने का डर
दिनेश कार्तिक ने 2018 में केकेआर की कप्तानी संभाली थी। अपनी कप्तानी में 2 बार टीम को चैंपियन बनाने वाले गौतम गंभीर उस सीजन दिल्ली की टीम में चले गए थे और उसके बाद दिनेश कार्तिक को कप्तान बनाया गया था।
दिनेश कार्तिक ने उस सीजन टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाया था और एक बल्लेबाज के तौर पर 49 से ज्यादा की औसत और 147 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 498 रन बनाए थे। इस सीजन भी उन्होंने उपयोगी पारियां खेली हैं। जब कोई कप्तान अपनी टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाए तो उसे कुछ सीजन कप्तानी का मौका जरुर मिलना चाहिए। जल्दी-जल्दी कप्तान बदलने से टीम का संतुलन कभी सही नहीं बन पाता है। किंग्स इलेवन पंजाब की टीम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
Edited by सावन गुप्ता