कोरोना वायरस से स्थिति नियंत्रण में आने के बाद भारत में आईपीएल का आयोजन होने की संभावना है। बीसीसीआई इसे सितम्बर महीने में कराने के लिए सोच सकती है। उस समय तक भारत में कोरोना के केस कम होने की संभावना होगी और बोर्ड को आईपीएल के लिए रास्ता मिलने के आसार हैं। आईपीएल को लेकर हर दिन कोई न कोई प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। बीसीसीआई सूत्र ने सितम्बर में आईपीएल के लिए विंडो देखने की बात कही है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बोर्ड सूत्र के हवाले से कहा
"यह अभी जल्दी है क्योंकि इसके लिए कई अन्य चीजों को भी देखना होगा। सरकार की इजाजत और कोरोना वायरस के केसों में कमी के बाद 25 सितम्बर से 1 नवम्बर के बीच आईपीएल के लिए विंडो देखी जा रही है। जैसे मैंने कहा कि अन्य चीजों को भी देखना है लेकिन इन तारीखों पर बात हुई है और स्थिति पर योजना बनाई जा रही है।"
यह भी पढ़ें: आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने गेंद पर लार का प्रयोग बंद करने की सिफारिश की
आईपीएल नहीं होने से खिलाड़ियों का नुकसान
इस साल आईपीएल नहीं होने की स्थिति में बड़ा नुकसान बोर्ड और विश्व के अलग-अलग कोने से आने वाले खिलाड़ियों को होगा। आठ टीमें खिलाड़ियों को करोड़ों रूपये की सैलरी देती है मगर टूर्नामेंट रद्द होने पर खिलाड़ियों का नुकसान होगा। उसी प्रकार बीसीसीआई को भी ब्रॉडकास्ट, स्पोंसर आदि चीजों का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। शायद यही वजह है कि बीसीसीआई आईपीएल के लिए अभी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और संभावनाओं की तलाश में है।
कई तरह के सुझाव आईपीएल को लेकर देखने को मिले हैं उनमें बंद स्टेडियम में मैच कराने की राय भी है। हालांकि विराट कोहली ने बंद स्टेडियम में मैच खेलने को लेकर कहा था कि इससे वह जोश नहीं रहता। खिलाड़ियों को भी दर्शकों को देखकर ही खेलने की आदत होती है।
गौरतलब है कि कई खिलाड़ियों का भविष्य भी आईपीएल के बाद ही तय होने की आशंका जताई जा रही है। टूर्नामेंट शुरू नहीं होने की स्थिति में यह उन खिलाड़ियों के लिए भी नुकसान है। इसके अलावा जूनियर खिलाड़ियों को बड़े नामों के साथ खेलकर अनुभव मिलता है इसलिए वे भी उम्मीद कर रहे होंगे कि स्थिति जल्दी ही बदले।