दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने कहा है कि जब वो टीम में नए-नए आए थे तो उनका सबसे पहला टार्गेट ये था कि उन्हें इस टीम का सबसे बेहतरीन प्लेयर बनना है। पंत के मुताबिक शुरूआती दिनों में उनका मुख्य फोकस बेस्ट प्लेयर बनने पर था।
ऋषभ पंत पहली बार 2016 में दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा बने थे। आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में जबरदस्त परफॉर्मेंस के बाद दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें सेलेक्ट कर लिया था। इसके बाद से पंत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो टीम के कप्तान बन गए हैं। अपने डेब्यू सीजन में पंत ने 10 मैचों में 198 रन बनाए थे। इसके बाद कई सीजन में उनका परफॉर्मेंस काफी शानदार रहा। 2018 के आईपीएल सीजन में उन्होंने जबरदस्त शतक भी लगाया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत में ऋषभ पंत ने अपने सफर को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा "जब पहली बार मैं दिल्ली कैपिटल्स टीम में आया था तो टीम मालिकों और सपोर्ट स्टाफ से मिलकर मुझे काफी कॉन्फिडेंस हासिल हुआ था। पिछले 3-4 सालों के दौरान एक टीम के तौर हमारे अंदर काफी बदलाव हुआ है। मैं सबसे पहले फ्रेंचाइजी का बेस्ट प्लेयर बनना चाहता था। मैंने अपने आस-पास मौजूद सभी लोगों से सीखना शुरू किया।"
मैंने अपने खेलने के तरीके में कभी बदलाव नहीं किया - ऋषभ पंत
पंत ने आगे कहा "जब मैं आईपीएल सेटअप का हिस्सा बना तो हमारे पास कई दिग्गज गेंदबाज जैसे पैट कमिंस, मोहम्मद शमी, कगिसो रबाडा और नाथन कूल्टर नाइल थे। मैं खुद से कहा कि अगर मैंने इन दिग्गज गेंदबाजों को खेल लिया तो मेरा कॉन्फिडेंस काफी बढ़ जाएगा। मैं आज जिस मुकाम पर हूं उसमें इन सब चीजों का काफी योगदान रहा। मैं काफी चीजें सीखीं लेकिन कभी अपने खेलने के तरीके में बदलाव नहीं किया।"