'मैंने अपने जीवन में कभी कोई...' - सूर्यकुमार यादव ने चोट से उबरने के दौरान उनकी जिंदगी में हुए बदलावों को लेकर बताई अहम बातें 

Neeraj
Picture Courtesy: Mumbai Indians Instagram
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मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के विस्फोटक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने हाल ही में टखने की चोट से उबरने के दौरान बीते समय के बारे में बात की और बताया कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में पहली बार किताब पढ़ना शुरू किया।

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कुछ दिनों पहले ही क्रिकेट के मैदान पर कमबैक किया। आईपीएल 2024 में उन्होंने अपना पहला मैच दिल्ली कैपिटल्स के विरुद्ध खेला था, जिसमें वह शून्य पर आउट हुए थे। हालाँकि, उनकी टीम उस मैच को 29 रनों से जीतने में कामयाब रही थी, जिससे जीत का खाता खुला।

सूर्यकुमार ने आईपीएल 2024 में वापसी करने से पहले आखिरी प्रतिस्पर्धी मुकाबला पिछले साल दिसंबर में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेला था, जहाँ टी20 सीरीज के आखिरी मैच में उन्हें फील्डिंग के दौरान टखने में चोट लग गई थी और सर्जरी कराने के बाद, उन्हें रिहैब के लिए नेशनल क्रिकेट अकादमी में भेज दिया गया था।

आईपीएल के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जारी वीडियो में सूर्यकुमार यादव ने अपने रिकवरी पीरियड के बारे में बात करते हुए बताया,

मैंने समय पर सोना और अच्छी डाइट लेने जैसी सभी छोटी-छोटी चीजें करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया। मैंने अपने जीवन में कभी कोई किताब नहीं पढ़ी और मैंने ऐसा करना भी शुरू कर दिया। सुबह उठना और एनसीए में अच्छी गुणवत्ता का समय बिताना और अपने शरीर, मस्तिष्क सब कुछ को रिकवरी के साथ जोड़ा। इससे मुझे वास्तव में थोड़ा तेजी से ठीक होने में मदद मिली। चूँकि मुझे एक साथ 2-3 निगल हुए थे, इसलिए मुझे एक बार में एक ही कदम उठाना पड़ता था।

उन्होंने आगे कहा,

मेरे लिए यह तय करना बहुत महत्वपूर्ण था कि मैं कैसे वापस आना चाहता हूं। जब मैंने अपनी पत्नी और एनसीए के सभी लोगों से बात की, तो उन्होंने कहा कि आपको खुद में थोड़ा बदलाव लाना होगा। जब आप मैदान पर वापस आएंगे, तो आपको थोड़ा अलग होना होगा।

इस दौरान सूर्या ने इस बात का भी खुलासा किया कि वो मुंबई इंडियंस के पहले तीन मैचों को पूरा नहीं देख पाए थे, क्योंकि एनसीए में उन्हें जल्दी सो जाना पड़ता था। इस वजह से वो सिर्फ एक ही इनिंग देख पाते थे। हालाँकि, अगले दिन वो मैच के हाईलाइट जरूर देखते थे, जिससे उन्हें मोटिवेशन मिलता था।

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