आईपीएल का 12वां सीज़न शुरू होने में अब कुछ ही दिन और शेष हैं और खिलाड़ी और खेल प्रेमियों का उत्साह पहले से ही चरम पर है। भले ही कई विदेशी खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होंगे या जल्दी चले जाएंगे, लेकिन भारतीय घरेलू खिलाड़ियों में उस कमी को भरने की पर्याप्त क्षमता है। सभी टीमें मजबूत दिख रही हैं और फिलहाल विजेता की भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है। लेकिन जब भी आप आईपीएल के बारे में बात करते हैं तो एक टीम है जिसके बारे में आपको हमेशा लगेगा कि यह टीम इस बार खिताब जीतेगी और वह है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर।
आरसीबी के पास हर बार प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे हैं। आरसीबी ने तीन बार आईपीएल के फाइनल में जगह बनाई लेकिन एक बार भी जीतने में नाकाम रही। उनके पास दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं लेकिन फिर भी, अभी तक आईपीएल ट्रॉफी पाने में सफल नही रहे हैं।
आरसीबी के दो अलग-अलग पक्ष हैं, एक कागज़ पर और दूसरा मैदान पर खेल रहा होता है। आरसीबी की बात करें तो बैंगलोर की टीम में पिछले कुछ सालों से ऐसे कई खिलाड़ी रहे हैं जो अच्छे थे या उनमें प्रतिभा थी लेकिन बस विभिन्न कारणों से पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाए।
आइए चार ऐसे खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं जो आरसीबी के लिए खेलते हुए दुर्भाग्यशाली रहे थे।
#4 शादाब जकाती
शादाब जकाती पहली बार 2009 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एमएस धोनी की कप्तानी में खेले थे। उस साल उनका वास्तव में शानदार सीजन था क्योंकि उन्होंने सिर्फ 9 मैचों में 13 विकेट लिए थे। अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण, उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स टीम में अपनी जगह मजबूत किया। वह 2012 तक चेन्नई सुपर किंग्स टीम के लिए खेले और फिर, बाद में 2014 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा बने।
दुर्भाग्य से, उन्हें गलत समय पर ट्रान्सफर किया गया था क्योंकि आरसीबी के पास सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक मुथैया मुरलीधरन थे जो स्पष्ट रूप से उनकी पहली पसंद के स्पिनर थे। जब भी आरसीबी दो स्पिनरों के साथ खेलना चाहता था, वे युवा युजवेंद्र चहल को जकाती की जगह खिलाते थे।
चहल ने अपने पहले कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया और इसलिए उनका साथ बरकरार रहा। जकाती को आरसीबी के लिए केवल एक मौका मिला, वह भी उनकी पूर्व टीम सीएसके के खिलाफ। उन्हें अगले सीज़न के बाद हटा दिया गया था। 2016 के सीज़न में गुजरात लायंस ने उन्हें चुना लेकिन वह उनके लिए कुछ खास नहीं कर सके। यह कहना गलत नही होगा कि जकाती को सही समय पर आरसीबी के साथ गलत मौका मिला।
# 3 डैरेन सैमी
डैरेन सेमी 2015 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम का हिस्सा थे। वह इसके पहले के सीज़न में सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा थे और कुछ मैचों के लिए फ्रैंचाइज़ी की कप्तानी भी की थी। बैंगलोर टीम में उनका चयन सही समय पर नहीं हुआ था।
2015 के सीज़न में, आरसीबी के 4 विदेशी खिलाड़ियों में से तीन का नाम तय था। 2015 के विश्व कप में क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स और मिचेल स्टार्क तीनों ही बेहतरीन फॉर्म में थे। ऐसे में समी की लड़ाई ऑलराउंडर की जगह के लिए सीधी लड़ाई डेविड विसे के साथ थी । उनको डेविड विसे से पहले एक मौका दिया गया था पर वह अवसर भुनाने में सफल नहीं रहे।
सेमी को दो मैचों की असफलताओं के बाद हटा दिया गया था। तीसरे गेम में विसे को मौका मिला और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उसके बाद, पूर्व विंडीज कप्तान को उस सीजन में आरसीबी के लिए एक भी मैच खेलने को नहीं मिला था।
# 2 सैमुअल बद्री
सैमुअल बद्री को 2016 में जब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए चुना गया था तो वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी20 गेंदबाजों में से एक थे। आरसीबी में आने से पहले उन्होंने सीएसके और राजस्थान रॉयल्स के लिए कुछ मैच खेले थे। दुर्भाग्य से, वह आईपीएल से पहले चोटिल हो गए और उस साल एक भी मैच नहीं खेल पाए।
वह 2017 में आए लेकिन चौथे विदेशी ख़िलाड़ी की जगह के लिए उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी। लेकिन फिर भी, बद्री को आरसीबी के लिए जो भी मौके मिले उसमें अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने जो सात मैच खेले, उनमें नौ विकेट लिए जिसमें मुंबई इंडियंस के खिलाफ हैट्रिक भी शामिल थी।
लेकिन इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें कुछ मैचों में तेज़ गेंदबाजों के लिए रास्ता बनाना पड़ा। आरसीबी आईपीएल में उनका बेहतर इस्तेमाल कर सकती थी। इसके बाद 2018 की आईपीएल नीलामी में बद्री को किसी भी टीम ने नही खरीदा था।
#1 बिली स्टैनलेक
बिली स्टैनलेक को बीबीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद 2017 नीलामी में आरसीबी द्वारा चुना गया था। लम्बे कद के इस बल्लेबाज़ को उस साल पहली बार आईपीएल में खेलने का मौका मिला था। आरसीबी ने उस साल 4 विदेशी गेंदबाजों को चुना था ताकि उनकी गेंदबाजी में सुधार हो सके क्योंकि लगातार दूसरे साल मिचेल स्टार्क उनके लिए उपलब्ध नहीं थे।
स्टैनलेक काफी तेज़ गेंदबाजी करते हैं और अपनी लम्बाई का अच्छा उपयोग करते हैं। वह काफी ऊंचाई से गेंदबाजी करते हैं, जिसके चलते भारतीय घरेलू बल्लेबाज उनको खेलने में सहज नहीं होते हैं। लेकिन वह भी गलत समय पर इस टीम का हिस्सा बने। क्रिस गेल, शेन वॉटसन और एबी डीविलियर्स लगभग हर मैच में आरसीबी एकादश का हिस्सा थे।
ऐसे में चार में से तीन विदेशी स्लॉट पहले ही पक्के हो गए थे। चौथे स्थान के लिए एडम मिल्ने, टाइमल मिल्स, सैमुअल बद्री और स्टैनलेक के बीच एक प्रतियोगिता थी। स्टैनलेक दुर्भाग्यशाली थे क्योंकि वह पूरे सीज़न में केवल दो मैचों में खेल सके थे और यही कारण था कि कम मौकों के चलते उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने को नही मिला और वो दुर्भाग्यशाली रहे।