पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इरफान पठान ने कहा है कि उन्हें भी अपने क्रिकेट करियर के दौरान नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। इरफान पठान का कहना है कि उनके धर्म की वजह से शुरुआती दिनों में उन्हें इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा था।
मिरर से खास बातचीत के दौरान डैरेन सैमी के मुद्दे पर इरफान पठान ने बातचीत की। डैरेन सैमी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि आईपीएल में जब वो सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का हिस्सा थे तो उन्हें 'कालू' कहकर बुलाया गया था। इरफान पठान भी 2014 में उस वक्त सनराइजर्स हैदराबाद की ही टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि सैमी उस वक्त सबके अच्छे दोस्त थे लेकिन इस मुद्द को लेकर टीम में फिर भी कोई चर्चा नहीं हुई थी।
इरफान पठान ने हाल ही में ट्वीट भी किया था और नस्लवाद को लेकर अपनी राय खुलकर रखी थी। उन्होंने लिखा था ' नस्लवाद केवल चमड़े के रंग तक ही सीमित नहीं है। एक खास धर्म की वजह से किसी को सोसायटी में घर नहीं खरीदने देना भी एक नस्लवाद है'।
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इरफान पठान ने अपने साथ हुई एक खास घटना का किया जिक्र
इरफान पठान ने अपने अंडर-16 दिनों की एक घटना का जिक्र किया और बताया कि किस तरह उन्हें अपने धर्म की वजह से नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था।
'ये मेरे साथ भी हुआ था। बड़ौदा के साथ शुरुआती दिनों में मेरे टीम के साथी मुझे एक खास नाम से बुलाने लगे जिसे में बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था। मैंने काफी अच्छी तरह से उन्हें समझाया और कहा कि मुझे मेरे नाम इरफान से पुकारा जाए। ये अंडर-16 के दौरान की घटना है और तब से लेकर अब तक किसी ने भी मुझे उस नाम से नहीं पुकारा।'
इरफान पठान ने सोनू सूद का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने बिना किसी जाति-धर्म के सबको घर पहुंचाया।
'सोनू सूद को देखिए, उन्होंने किसी का धर्म, जाति और रंग नहीं पूछा। उन्होंने केवल बस मदद की। तो जो लोग मदद करना चाहते हैं और प्यार बांटना चाहते हैं वो अपना काम करते रहते हैं। उन्हें इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।'
गौरतलब है कि हाल ही में वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने नस्लवाद का मुद्दा उठाया था और कहा था कि आईपीएल के दौरान उन्हें इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा था।