केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने से पहले ही वहां कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे और दूरसंचार सेवाएं ठप कर दी गई थी। इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर की टीम को घरेलू टूर्नामेंट से हटना पड़ा था। टीम विजी ट्रॉफी का हिस्सा नहीं बन पाई क्योंकि खिलाड़ियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। अब जम्मू-कश्मीर क्रिकेट के मेंटर और भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान ने जानकारी दी है कि बीसीसीआई ने उन्हें मदद का वादा किया है। इरफान पठान ने कहा कि उम्मीद है कि आगामी सत्र पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। मेरी बीसीसीआई से बात हुई है और वे हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। इसके बाद शायद सारी चीजें वापस सामान्य हो जाएंगी।
इरफान पठान ने कहा कि हम विजी ट्रॉफी के लिए नहीं जा रहे। हालांकि, असलियत यह है कि हम अपने खिलड़ियों को टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। टीम ने आगामी सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन कश्मीर घाटी में कर्फ्यू होने की वजह से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। हमने 14 जून से कैंप शुरू किया था और एक महीने तक अभ्यास किया। मैं शिविर के लिए एक ट्रेनर को लेकर गया था। वह ट्रेनर टीम इंडिया के साथ काम कर चुका है। हमारे कोच ने भी काफी मेहनत की और खिलाड़ियों की फिटनेस पर काफी काम हुआ।
34 वर्षीय इरफान पठान ने कहा कि जब मैच शुरू हुए तो हमें ट्रेनिंग रोकनी पड़ी क्योंकि कर्फ्यू लगा दिया गया था और सभी खिलाड़ियों को उस वक्त वापस भेजना ही उचित था। गौरतलब है कि अगस्त के पहले सप्ताह में सेना ने एक एडवाइजरी जारी कर पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को घाटी छोड़ने का आदेश दिया था। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम ने सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासकों की समिति (सीओए) से श्रीनगर में अपने शिविर को छोड़ने की गुजारिश की थी।
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