वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड और वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच चल रही खींचतान को लेकर पूर्व कैरेबियाई कप्तान कार्ल हूपर ने प्रतिक्रिया दी है। हूपर ने सीनियर खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय टीम में नहीं खेलने को शर्मनाक हरकत बताया है। इसके अलावा वेस्टइंडीज टीम के भारत दौरे पर प्रदर्शन को लेकर भी उन्होंने बयान दिया।
हूपर ने कहा कि निजी समस्याओं के चलते खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम की ओर से नहीं खेलते हैं और यह शर्मनाक है। उनका इशारा बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच चल रहे विवाद की तरफ था। एक रिपोर्ट के अनुसार हूपर ने आगे कहा कि वरिष्ठ खिलाड़ी भारत दौरे पर आते तो मेजबान टीम के लिए जीतना आसान नहीं होता।
गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच रिश्ते काफी लम्बे समय से ठीक नहीं है। कई वरिष्ठ खिलाड़ी बाहर है और यही वजह है कि उनकी टीम इस समय कमजोर नजर आती है। वेतन हो या अन्य अधिकारों की बात हो, अंदरूनी झगड़े चलते रहे हैं। डैरेन ब्रावो भी लम्बे समय टीम से बाहर रहे और इस साल संन्यास ले लिया। अधिकतर कैरेबियाई खिलाड़ी विदेशों में टी20 टूर्नामेंटों में खेलकर काफी अच्छी धन राशि कमाते हैं। विंडीज क्रिकेट टीम के लिए खेलते हुए उन्हें इतने पैसे नहीं मिलते हैं।
भारत दौरे पर वेस्टइंडीज की युवा टीम भारत आई है। कुछ खिलाड़ी इनमें ऐसे भी हैं जो पहले खेल चुके हैं लेकिन तालमेल की कमी इनमें रही है। भारत दौरे पर अंतिम बार कैरेबियाई टीम ने वन-डे सीरीज 2002 में कार्ल हूपर की कप्तानी में जीती थी। उस समय उन्होंने मेजबान टीम को 4-3 से हराया था। इसके बाद उन्हें भारत में कोई सीरीज जीतने का मौका नहीं मिला। हाल ही में टेस्ट और वन-डे सीरीज में मेहमान टीम को पराजय का सामना करना पड़ा है। टी20 सीरीज में भी भारतीय टीम पहला मुकाबला जीतकर आगे चल रही है।
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