ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी (Jason Gillespie) का मानना है कि ग्रीम स्वान (Graeme Swann) ने जैक लीच (Jack Leach) के लिए कहा था कि वो इंग्लैंड (England Cricket Team) की 2023 एशेज सीरीज (Ashes Series) जीत में निर्णायक साबित होंगे, जो कि पूरी तरह सच नहीं है। गिलेस्पी ने कहा कि लीच इंग्लैंड के लिए रोल प्लेयर की तरह हैं।
लीच घरेलू जमीन पर एशेज सीरीज में पीठ की चोट के कारण खेल नहीं सके थे। चयनकर्ताओं ने मोइन अली को उनसे रिप्लेस किया था। द डेली मेल के साथ हालिया इंटरव्यू में स्वान ने दावा किया था कि समरसेट के स्पिनर की उपस्थिति से मेजबान टीम जरूर जीत जाती, जिसका नतीजा 2-2 रहा और ऑस्ट्रेलिया ने एशेज अपने पास बरकरार रखी।
द डेली मेल के लिए लिखे अपने कॉलम में गिलेस्पी ने लीच को संन्यास ले चुके एश्ले जाइल्स की तरह करार दिया। उन्होंने लिखा, 'जैक लीच अच्छे स्पिनर हैं, लेकिन वो इंग्लैंड के लिए रोल प्लेयर हैं जैसे कि 2005 एशेज में एश्ले जाइल्स थे। जाइल्स ज्यादा नुकसानदायक नहीं थे, एक टेस्ट में औसतन दो विकेट ले रहे थे, जिसमें इंग्लैंड ने यादगार जीत दर्ज की थी। मगर उनके साथ चार तेज गेंदबाजों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।'
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज का मानना है कि लीच भारत में प्रमुख स्पिनर की भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि शेष तीन स्पिनर नए हैं। उन्होंने लिखा, 'लीच अब इंग्लैंड के लिए समान भूमिका निभा रहे हैं, विशेषकर इंग्लैंड में। भारत में उनके पास प्रमुख भूमिका निभाने का मौका है, क्येांकि रेहान अहमद में काफी प्रतिभा है और टॉम हार्टले व शोएब बशीर नए हैं।'
48 साल के गिलेस्पी ने ध्यान दिलाया कि तेज गेंदबाजों को लीच का समर्थन करना होगा। उन्होंने लिखा, 'लीच से हैदराबाद में शुरू हो रहे पहले टेस्ट में काफी अपेक्षाएं हैं। स्पिनर्स के अगुवा होने के कारण गेंदबाज के रूप में आप पर काफी जिम्मेदारी होगी। वैसे, भारतीय बल्लेबाज स्पिनर्स को अच्छी तरह खेलते हैं। तो इंग्लैंड को सुनिश्चित करना होगा कि लीच का साथ निभाने के लिए तेज गेंदबाज रहे।'
पता हो कि रेहान अहमद ने केवल एक टेस्ट खेला जबकि शोएब बशीर और टॉम हार्टले इस प्रारूप में नए चेहरे हैं।
गिलेस्पी ने कहा कि आगामी भारत सीरीज में इंग्लिश गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग का उपयोग करना होगा और निरंतर स्टंप्स पर अटैक करना पड़ेगा। गिलेस्पी ने कहा, 'तेज गेंदबाजों को भारत में सफलता मिल सकती है, लेकिन उन्हें अपनी लेंथ पर काम करना होगा। यहां इंग्लैंड से कम उछाल मिलेगा। रिवर्स स्विंग और स्टंप्स पर गेंदबाजी करना महत्वपूर्ण होगा। आपको उसी हिसाब से अपनी फील्डिंग सेट करनी होगी।'