यॉर्कशायर क्लब (Yorkshire Club) एक नस्लवाद घोटाले में फंसा है, जिससे आहत जो रूट (Joe Root) ने एक बयान जारी कर मौजूदा स्थिति को खेल को 'सभी के लिए बेहतर' बनाने का अवसर बताया है। यॉर्कशायर के पूर्व क्रिकेटर अजीम रफीक (Azeem Rafiq) ने खुद को काउंटी के साथ अपने समय के दौरान नस्लवाद का पीड़ित बताया, लेकिन क्लब ने कोई एक्शन लेने से इंकार किया, जिसके बाद उसकी जमकर आलोचना हो रही है।
इस घोटाले के बाद कई स्पॉन्सर्स ने यॉर्कशायर से नाता तोड़ लिया है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने काउंटी के किसी अंतरराष्ट्रीय या प्रमुख इवेंट के आयोजन के अधिकार निलंबित कर दिए हैं।
काउंटी क्रिकेट में यॉर्कशायर का प्रतिनिधित्व करने वाले जो रूट ने कहा, 'मैं बस इतना चाहता हूं कि खेल उस जगह पर हो, जहां सभी इस खूबसूरत खेल का आनंद उठाएं और इसमें बराबर व सुरक्षित महसूस करें। यह जानकर बुरा लगता है कि यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब में ऐसा हुआ, जो घर के बहुत करीब है। यह मेरा क्लब है, जिसके लिए मैं जुनूनी रूप से चिंता करता हूं। मैंने यहां काफी समय बिताया है। यहां नस्लवाद को लेकर कोई बहस नहीं हुई, किसी ने किसी का पक्ष नहीं लिया। यह साधारण रूप से असहनीय है।'
हमें एकजुट होकर वापसी करनी होगी: जो रूट
इंग्लैंड टेस्ट कप्तान जो रूट ने कहा कि नस्लवाद घोटाले ने क्रिकेट को नुकसान पहुंचाया है और जिंदगी तहस-नहस कर दी है। उन्होंने कहा, 'इन घटनाओं ने हमारे खेल को नुकसान पहुंचाया और जिंदगियां तहस-नहस कर दी है। हमें अब उबरकर और एकजुट होकर वापसी करना होगी। क्रिकेट में शामिल सभी फैंस, खिलाड़ी, मीडिया और जो भी कार्यरत है, सभी को एकजुट होकर वापसी करना होगी। हमारे पास मौका है कि खेल को सभी के लिए बेहतर बनाएं।'
रूट ने आगे कहा, 'मैं बदलाव और एक्शन देखना चाहता हूं कि यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब को एक ऐसी संस्कृति के साथ आगे बढ़ते हुए देखेंगे जो काउंटी में क्रिकेट का समर्थन करने वाले सभी समुदायों में विश्वास के साथ विविध वातावरण का उपयोग करती है।' रूट ने साथ ही कहा कि वो यॉर्कशायर जाकर नए चेयरमैन को अपना समर्थन देंगे। उन्होंने कहा, 'हमें शिक्षित, एकजुट और रीसेट करने की आवश्यकता है। मैं वायसीसीसी के नए अध्यक्ष, लॉर्ड पटेल के पास समर्थन की पेशकश करने के लिए पहुंचूंगा।'
रूट ने आगे कहा, 'हमें आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा कभी नहीं हो। मेरे विचार में यह सामाजित मुद्दा है और इसे केवल क्रिकेट के अलावा अन्य क्षेत्रों में संबोधित करने की आवश्यकता है।'