इंग्लैंड (England Cricket team) के बल्लेबाज जो रूट (Joe Root) ने कहा कि उन्हें कप्तानी छोड़ने का कोई मलाल नहीं है और साथ ही कहा कि राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करते समय उन्होंने अपना सबकुछ दिया।
रूट ने पांच साल इंग्लैंड की कप्तानी करने के बाद अप्रैल में इस्तीफा दिया था। इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान के रूप में रूट ने सबसे ज्यादा मैच (64) खेले और सर्वाधिक जीत (27) हासिल की। ऑस्ट्रेलिया के हाथों एशेज और वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज हारने के बाद रूट ने कप्तानी छोड़ी थी। रूट के रहते इंग्लैंड को पिछले 17 टेस्ट मैचों में केवल एक जीत मिली थी।
रूट ने स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, 'हम प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। हम जितनी क्षमता रखते हैं, उसके मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। निजी नजरिये से भी देखा जाए तो क्रिकेट से दूर भी इसका बड़ा प्रभाव मुझ पर पड़ रहा था।'
उन्होंने आगे कहा, 'कई कारणों से कप्तानी छोड़ने का फैसला एकदम सही था। इसे ऐसे शख्स की जरूरत है, जो अपना सबकुछ झोंक दे। जब मैंने यह फैसला लिया तो स्पष्ट हो गया कि सही फैसला था और मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैंने इस भूमिका में सबकुछ दिया। मैंने जिस तरह जिम्मेदारी निभाई, उस पर गर्व है।'
रूट ने बेन स्टोक्स की कप्तानी के अंतर्गत खेलने के बारे में कहा, 'यह मजेदार है। आप इसे जो भी कहना चाहे, लेकिन खेलने में मजा आ रहा है। मेरे ख्याल से इसे खेलना मुश्किल है जबकि आपको यह जानकारी रखना है कि कितना स्कोर बनाना है। मुझे लगा कि कई मौकों पर हमने प्रति ओवर 6 या 7 रन बनाए। जब ऐसा मामला हो तो आपको महसूस होता है कि कुछ भी हो सकता है।'
रूट ने कहा, 'मेरे ख्याल से ब्रेंडन मैकलम की सोच काफी आक्रामक है। मेरे ख्याल से बेन स्टोक्स उससे भी ज्यादा आक्रामक है। यह उत्साहजनक है। मेरे ख्याल से इस बीच एक चीज को नजरअंदाज किया गया, वो है कि हमने दबाव को सहकर अच्छा प्रदर्शन किया। हमने विरोधी टीम के पक्ष में जा रहे मैच को मोड़ा।'
बता दें कि रूट आगामी आईपीएल में अपना जलवा बिखेरते हुए नजर आ सकते हैं। राजस्थान रॉयल्स ने रूट को खरीदा है।