टीम इंडिया का बल्लेबाजी और गेंदबाजी पक्ष मजबूत होने के बावजूद क्षेत्ररक्षण अब भी कमजोर है। टीम के कोचिंग स्टाफ में हो रहे अमूलचूल परिवर्तन के तहत अब भारत की फील्डिंग भी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की तरह तेज-तर्रार हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी जोंटी रोड्स ने भारतीय टीम का फील्डिंग कोच बनने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय टीम में काफी संभावनाएं हैं।
जोंटी रोड्स नौ साल तक आईपीएल की फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस को कोचिंग दे चुके हैं। उन्होंने भारतीय टीम के फील्डिंग कोच के लिए आवेदन करने की पुष्टि करते हुए कहा कि हां, मैंने आवेदन किया है। मैं और मेरी पत्नी भारत को काफी पसंद करते हैं। इस देश ने हमें बहुत कुछ दिया है। मालूम हो कि वर्तमान में भारतीय टीम के फील्डिंग कोच की जिम्मेदारी एस श्रीधर संभाले हुए हैं। रवि शास्त्री समेत पूरे कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल विश्वकप के बाद खत्म होना था लेकिन उसे 45 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। अभ वेस्टइंडीज दौरे के बाद यह अनुबंध खत्म होगा।
49 वर्षीय रोड्स ने कहा कि मैंने मुंबई इंडियंस के साथ बतौर फील्डिंग कोच नौ साल तक काम किया है। पिछले पांच वर्षों में मैंने टीम इंडिया में क्षेत्ररक्षण की दिशा में काफी प्रगति देखी है। टीम की इस काबिलियत का मैं सम्मान करता हूं। मैं एक कोच हूं और कोचिंग देना मुझे बेहद पसंद है। भारत विश्व क्रिकेट की सबसे व्यस्ततम क्रिकेट टीम है। इसके जरिए मैं खुद को भी क्रिकेट के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रख सकता हूं।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने जोंटी रोड्स के टीम से जुड़ने की संभावनाओं को प्रबल बताते हुए कहा था कि निश्चित ही जोंटी रोड्स का टीम इंडिया से जुड़ना बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। वह मुंबई इंडियंस के कोच रह चुके हैं। अच्छी बात है कि वह भारतीय खिलाड़ियों के कामकाज को समझते हैं। जोंटी रोड्स को क्रिकेट की दुनिया में फील्डिंग में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है। उनका 1992 के वर्ल्डकप में इंजमाम-उल-हक को शानदार फील्डिंग के जरिए आउट करना आज भी फैंस के जेहन में बना हुआ है।
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