ICC Under 19 World Cup 2018: नागरकोटी की 149 किमी की रफ़्तार पर बोल्ड हुए दादा और बिशॉप

NAGARKOTI

न्यूज़ीलैंड में फ़िलहाल क्रिकेट का सबसे बड़ा संग्राम जारी है, जहां दुनिया भर के युवा अपनी प्रतिभाओं से सुनहरे भविष्य की इबारत लिखने की कोशिश में लगे हैं। हम बात कर रहे हैं अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड की, एक ऐसा मंच जिसने स्टीव स्मिथ से लेकर विराट कोहली, टिम साउदी, वीरेंदर सहवाग, रोहित शर्मा, जो रूट जैसे एक से बढ़कर एक सितारे दिए हैं। इस बार भी इस टूर्नामेंट में कई ऐसे नौजवान खेल रहे हैं जिनपर सभी की नज़रें हैं, कोई बड़े दिग्गजों के साहबज़ादें हैं तो किसी ने इस कम उम्र में ही अपने खेल से सभी को दिवाना बना लिया है। न्यूज़ीलैंड में चल रहे इस वर्ल्डकप में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज स्टीव वॉ के सुपुत्र ऑस्टिन वॉ भी खेल रहे हैं तो दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मखाया एंटिनी के बेटे ठांडो एंटिनी भी अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। भारत की कमान इस वर्ल्डकप में युवा पृथ्वी शॉ पर है, जिन्हें इस टूर्नामेंट से पहले ही काफ़ी लोकप्रियता मिल चुकी है, मुंबई की ओर से प्रथम श्रेणी मैचो में भी पृथ्वी ने अपने करियर का आग़ाज़ कमाल के साथ किया है। शॉ ने कंगारुओं के ख़िलाफ़ पहले ही मैच में 94 रनों की पारी के साथ अपनी प्रतिभा का सबूत भी दिया। लेकिन ये तो बस ट्रेलर था, इसके बाद जो हुआ उसने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी। भारत के 328 रनों के जवाब में कंगारू टीम इस इरादे के साथ उतरी थी कि टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज़ से उन्हें होशियार रहना होगा। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ साथ क्रिकेट फ़ैन्स तक हैरान रह गए जब उन्होंने शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी की तेज़ गेंदबाज़ों की जोड़ी को देखा। लिखना बेहद आसान है, लेकिन नागरकोटी और मावी की गेंदबाज़ी का अहसास बस वही क्रिकेट फ़ैन्स कर सकते हैं जिन्होंने ये मैच देखा। तेज़ गेंदबाज़ी के शौक़िनों के लिए तो मावी और नागरकोटी किसी सपने की तरह लग रहे थे, मावी की गेंदें 145 और 146 किमी घंटे की रफ़्तार को छू रही थीं। जिसे देखकर सभी दंग थे, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को तो उनकी गेंदों का सामना करना किसी रॉकेट साइंस की तरह लग रहा था। इम्तिहान विकेट के पीछे दस्तानों के साथ आर्यन जुयाल का भी था, कुछ कैच तो उनकी हाथों से इसी रफ़्तार की वजह से छूटे। भारत में सुबह सुबह जिन फ़ैन्स ने आंखों को मलते हुए स्कोर जानने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन या टीवी सेट पर नज़र डाली तो वह मावी की तेज़ और धारधार गेंदों को देखकर हक्का बक्का रह गए और नींद से जाग उठे। लेकिन ये तो बस शुरुआत थी, अब आक्रमण पर आए कमलेश नागरकोटी जो मावी से भी तेज़ गेंदबाज़ी कर रहे थे। मावी की सबसे तेज़ गेंद जहां 146 किमी प्रति घंटा थी तो नागकोटी ने 149 की रफ़्तार को भी तोड़ डाला। नागरकोटी और मावी की तेज़ गेंदबाज़ों ने कंगारू टीम की स्थिति दयनीय कर दी थी। दोनों ने 3-3 विकेट अपने नाम करते हुए भारत को 100 रनों से जीत दिलाई और एक शानदार भविष्य की उम्मीदें जगा दी थीं। इसे देखकर हरेक भारतीय फ़ैन्स ख़ुशी से झूम उठा था कि कल तो जिनकी पेस बैट्री के सामने हमारे बल्लेबाज़ घुटने टेक देते थे, आज वही हमारी तेज़ गेंदबाज़ों के सामने नतमस्तक हो गया। कॉमेंट्री बॉक्स में मौजूद अपने वक़्त के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ इयान बिशॉप तो नागरकोटी की तारीफ़ में क़सीदे गढ़ रहे थे, तो पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी इन दोनों तेज़ गेंदबाज़ों को टीम इंडिया के लिए सपनों को सच करने जैसा बता रहे थे। सोशल मीडिया पर नागरकोटी और मावी की चर्चाओं ने सैलाब ला दिया था, पूरी दुनिया को कुछ ही घंटों में इस बात का अहसास हो गया था कि दुनिया को जल्दी ही ब्रेट ली और शोएब अख़्तर जैसा तेज़ और ख़तरनाक गेंदबाज़ मिलने जा रहा है। अंडर-19 स्तर पर संभवत: कमलेश नागरकोटी ने अब तक की सबसे तेज़ गेंद (149 किमी प्रति घंटा) फेंक डाली थी। जबकि किसी भी स्तर पर भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज़ गेंद से नागरकोटी थोड़ा ही पीछे रह गए, इशांत शर्मा (152 किमी प्रति घंटा) के नाम टीम इंडिया की ओर से सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड दर्ज है। सौरव गांगुली को ये दोनों गेंदबाज़ इतने प्रभावित कर गए कि उन्होंने तुरंत ही बीसीसीआई और विराट कोहली को ट्वीट करते हुए कहा कि इन दोनों गेंदबाज़ों पर नज़र रखिए, ये टीम इंडिया का भविष्य हैं।

दादा को वैसे भी प्रतिभाओं को खोजने में महारत हासिल है, महेंद्र सिंह धोनी से लेकर वीरेंदर सहवाग और ज़हीर ख़ान जैसे दिग्गजों को दादा ने ही खोज निकाला था। और अब जब सौरव गांगुली इन दोनों तेज़ गेंदबाज़ों के बारे में इस तरह कहा तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मावी और नागरकोटी का भविष्य क्या हो सकता है, बशर्ते इन्हें सहेज कर रखा जाए। दादा के साथ साथ पूर्व इंग्लिश तेज़ गेंदबाज़ और मौजूदा कोच इयान पोन्ट भी कमलेश नागरकोटी की तारीफ़ करने से नहीं चूके और उन्होंने एक बेहद शानदार ट्वीट के ज़रिए नागरकोटी की रफ़्तार के बारे में समझाया। पोन्ट ने नागरकोटी के भविष्य को काफ़ी सुनहरा क़रार दिया।

आप ये जानकर और भी हैरान हो जाएंगे कि कमलेश नागरकोटी और शिवम मावी ने अभी तक एक भी प्रथम श्रेणी मुक़ाबले नहीं खेले हैं। उत्तराखंड में जन्में नागरकोटी राजस्थान की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, कमलेश के नाम 6 लिस्ट ए क्रिकेट ज़रूर हैं लेकिन उत्तर प्रदेश से आने वाले शिवम मावी के लिए अभी ये मंच ही सबकुछ है। उम्मीद है कि इन दोनों ही तेज गेंदबाज़ों के उपर बीसीसीआई अलग तरीक़े से नज़र रखेगी और आने वाले वक़्त में इन प्रतिभाओं को तराशते हुए टीम इंडिया की ओर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मौक़ा मिलेगा। पहले मैच से ही ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका जैसे पेस पॉवरहाउस को पीछे छोड़ते हुए इन दोनों ने भारत की एक नई तस्वीर सामने तो ला ही दी है, अब आईपीएल नीलामी में भी कई फ़्रैंचाइज़ियों की जेबें ढीली करवा सकते हैं। लेकिन फ़िलहाल नागरकोटी और शिवम का ध्यान भारत को अंडर-19 विश्वकप में एक बार फिर चैंपियन बनाने पर है।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications