विश्व कप से पहले पूर्व क्रिकेटर खिलाड़ियों के चयन को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। इसमें खिलाड़ियों की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की परफॉर्मेंस को भी वरीयता दी जा रही है। यही वजह है कि हर खिलाड़ी आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन से खुद को साबित करना चाह रहा है। पर जब बात महेंद्र सिंह धोनी और ऋषभ पंत के बीच तुलना की आई तो भारत को पहला विश्वकप दिलाने वाली टीम के कप्तान कपिल देव ने माही को ही श्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा कि ऋषभ पंत भारतीय टीम के उभरते हुए युवा खिलाड़ी हैं। उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से करना सरासर गलत है। इससे पंत पर दबाव आएगा, जो अच्छा प्रदर्शन करने में आड़े आ सकता है।
कपिल देव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आप कभी किसी की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से नहीं कर सकते हैं। कोई भी धोनी के स्तर के खिलाड़ी की जगह नहीं ले सकता है। धोनी ने भारत को 50 ओवर और टी-20 फॉर्मेट में विश्वकप हासिल करवाए हैं। उनकी प्रतिभा और सूझ-बूझ का लोहा सभी मानते हैं। ऋषभ पंत प्रतिभा से परिपूर्ण हैं। उनकी तुलना धोनी से करके हमें उन्हें दबाव में नहीं डालना चाहिए। अभी पंत को लंबा सफर तय करना है। यह तो उनकी बस शुरुआत है। खिलाड़ियों के व्यस्त कार्यक्रमों को लेकर भी कपिल ने अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि हम सभी पर काम का बोझ पड़ता है। हमें इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। काम का बोझ होता भी क्या है? मेहनत के अलावा और कुछ थोड़ी ना करना है? क्या खिलाड़ी मेहनत भी नहीं कर पाएंगे? वो जितना क्रिकेट खेलेंगे, उतना उनका अनुभव बढ़ेगा, जो उन्हें आगे जाकर फायदा देगा।
विश्वकप को लेकर कपिल देव ने कहा कि इसे जीतना दुकान से मिठाई खरीदने के बराबर नहीं है। यह एक मिशन है और मैं टीम का समर्थक बनना चाहूंगा न कि आलोचक। मैं कमजोर पक्षों को निशाना बनाने की बजाए मजबूत पक्षों पर ध्यान दूंगा। विश्व कप चार साल में एक बार आता है। मुझे उम्मीद है कि हमारी चयन समिति सही खिलाड़ियों का चयन करेगी। अब यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वो उस मौके को कितना भुना पाते हैं। हालांकि, इस तरह के टूर्नामेंट में भाग्य भी बहुत मायने रखता है।
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