केदार जाधव ने अपने अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन का श्रेय पूर्व कप्तान एम एस धोनी और अनिल कुंबले को दिया है। जाधव ने बताया कि कैसे धोनी के विश्वास और कुंबले की सलाह की वजह से उनकी गेंदबाजी में सुधार हुआ। चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी इंस्टाग्राम अकाउंट पर बातचीत करते हुए केदार जाधव ने कहा कि कैसे उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैच में गेंदबाजी करने के लिए कहा गया था, जबकि उनके पास गेंदबाजी का उतना अनुभव नहीं था।
जाधव ने कहा कि 2016 में मुझे न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम में चुना गया था। एम एस धोनी उस वक्त टीम के कप्तान थे और उन्होंने मुझसे कुछ ओवर गेंदबाजी करने के लिए कहा। मैं ऑफ स्पिन गेंदबाजी करनी शुरु की। बल्लेबाज पार्ट टाइम गेंदबाजों के खिलाफ ज्यादा रन बनाने की कोशिश करते हैं। कुछ ओवर गेंदबाजी के बाद मैं बोर हो गया क्योंकि सभी लोग मेरे खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे। इसके बाद मैंने राउंड ऑर्म एक्शन ट्राई किया। उस समय अनिल कुंबले कोच थे। पहली गेंद जब नेट में मैंने डाली तो अमित मिश्रा उस वक्त बल्लेबाजी कर रहे थे। मिश्रा ने सोचा कि गेंद वाइड होगी और उन्होंने गेंद छोड़ दिया। बॉल स्टंप के सामने गिरी और वो पगबाधा हो गए।
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जाधव ने आगे कहा कि इसके बाद मैंने अनिल भाई से पूछा। उन्होंने मुझसे गेंदबाजी करने के लिए कहा। धर्मशाला में मैच हो रहा था और गेंद काफी नीचे रह रही थी। बल्लेबाजों को शॉट खेलने में दिक्कत आ रही थी। अनिल भाई ने कहा कि मैं ऐसी गेंदबाजी कर सकता हूं, उससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया। पहला ओवर करने के बाद, पहली गेंद मैंने राउंड ऑर्म डाली और जिमी नीशम उस गेंद पर आउट हो गए।