इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने क्रिकेट जगत से कड़े बायो-बबल को खत्म करने की अपील की। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए बनाई गई व्यवस्था ‘इस दुनिया के सबसे अच्छे काम को बर्बाद कर रही है।
कोविड-19 महामारी के आने के बाद बायो-बबल को क्रिकेट की दुनिया में लाया गया। कोरोना महामारी फैलने के बाद क्रिकेट का खेल कुछ समय के लिए रुक गया था। वायरस को बढ़ने से रोकने और खिलाड़ियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बायो-बबल रणनीति तैयार की गई थी। तब से, इसका उपयोग लगभग सभी हर स्तर पर खेली जाने वाली क्रिकेट में किया जा रहा है।
पीटरसन ने कोविड-19 वैक्सीन के विकास और टीकाकरण होने के बावजूद बायो-बबल के उपयोग के बारे में अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,
जितनी जल्दी हो सके खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिए सख्त बायो बबल खत्म करने की जरूरत है। अभी जो दुनिया का सबसे अच्छा काम है वह उसे बर्बाद कर रहा है।
हाल ही के दिनों में टीमों के बायो बबल में रहने के बावजूद खिलाड़ियों और स्टाफ कोरोना की चपेट में आ गए थे। इस वजह से 2021 के आईपीएल को पोस्टपोन करना पड़ गया था। भारत के इंग्लैंड दौरे पर भए बायो-बबल होने के बावजूद भारतीय कैंप में कोरोना ने दस्तक दे दी थी, जिसके कारण अंतिम टेस्ट मैच स्थगित करना पड़ गया था।
पीटरसन ने पहले भी बायो-बबल खत्म करने की वकालत की थी
पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने सभी से वैक्सीन लगवाने और बायो-बबल को खत्म करने की रिक्वेस्ट की थी। उन्होंने सितंबर में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा था कि आईपीएल के दूसरे चरण के लिए संयुक्त अरब अमीरात में बायो-बबल सहन किया जाने वाला आखिरी टूर्नामेंट होगा।
मेरी राय में यह आईपीएल/टी20 वर्ल्ड कप अंतिम बायो बबल परिवेश में से एक होगा जिसे खिलाड़ी सहन करेंगे। वैक्सीन पर भरोसा करने की आवश्यकता है। यह पूरी तरह से नहीं प्रभावी, लेकिन (97% प्रभावशाली) गंभीर बीमारी को रोकती है। जिस आयु वर्ग में पेशेवर एथलीट मुकाबला करते हैं, उसमें कोविड से गंभीर बीमारी की लगभग 0% संभावना है।