इंग्लैंड (England) के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने रविवार रात लंदन में यूरो 2020 के फाइनल में प्रशंसकों की हिंसा और नस्लवाद के बाद यूनाइटेड किंगडम में 2030 फीफा विश्व कप की मेजबानी को लेकर चिंता व्यक्त की। वेम्बली स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में इटली के खिलाफ पेनल्टी पर 3-2 से हारने के बाद इंग्लिश फुटबॉल प्रशंसक हिंसक हो गए। इस हार ने इंग्लैंड की घरेलू सरजमीं पर 55 साल बाद बड़ी ट्राफी जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।पीटरसन ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा कि कल रात मैं डायलन के साथ अपनी कार को घर लाने के लिए वॉक पर था। वह (रात) पूरी तरह से भयानक थी! 2021 में यह व्यवहार? हमें इतनी खुशी देने वाले खिलाड़ियों को गाली? क्या हम वास्तव में 2030 विश्व कप के लायक हैं?इंग्लिश प्रशंसक गेम से पहले 'ब्रिंग इट होम' के नारे लगा रहे थे लेकिन इटालियंस को आखिर में मुस्कान मिली क्योंकि यूरो 2020 विजेता लियोनार्डो बोनुची ने कैमरे पर चिल्लाते हुए कहा, "इट्स कमिंग टू रोम"।The walk I took with Dylan to get our car home last night was scary absolutely HORRENDOUS! This behaviour in 2021?? 🤬The abuse of the players who gave us so much joy?? 🤬Do we actually deserve the 2030 World Cup? 🤔— Kevin Pietersen🦏 (@KP24) July 12, 2021इटली के प्रशंसकों को वेम्बली में नशे में और गुस्से में अंग्रेजी समर्थकों द्वारा पीटा गया था, जबकि बुकायो साका, जादोन सांचो और मार्कस रैशफोर्ड को सोशल मीडिया पर नस्लीय दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू टीम की हार हुई।घटना के बाद राजनेताओं, खेल हस्तियों और यहां तक कि ब्रिटिश राजघरानों ने भी अंग्रेजी टीम में रंगीन खिलाड़ियों पर नस्लवादी दुर्व्यवहार की निंदा की, जबकि पीटरसन ने सवाल किया कि क्या वे "2021 में इस व्यवहार" के बाद 9 साल के समय में विश्व कप की मेजबानी करने के लायक हैं या नहीं।लन्दन में हुई इस हिंसा को लेकर हर तरफ सवाल खड़े हुए हैं। ट्विटर पर हर फुटबॉल प्रेमी ने इंग्लिश फैन्स की निंदा की है और इस बर्ताव को अशोभनीय और भद्दा बताया है। पीटरसन भी उनमें से एक हैं।