पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) का कहना है कि बीसीसीआई (BCCI) के साथ विवाद के बीच उन्हें कश्मीर प्रीमियर लीग (KPL) के लिए शांति दूत नियुक्त किया गया है। शोएब अख्तर ने ट्विटर पर ऐसा कहा है। अख्तर ने यह भी कहा है कि बीसीसीआई और केपीएल के बीच यह विवाद क्यों चल रहा है।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि केपीएल और बीसीसीआई के बीच विवाद क्यों है। यह शान्ति स्थापित करने के ब्रिज बनाने के लिए है। मुझे पीस एम्बेसडर के रूप में ट्रेंड कराने के लिए धन्यवाद। केपीएल के लिए मैं शांति दूत के रूप में जॉइन करूंगा।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी हर्शल गिब्स ने यह कहते हुए मामले को हवा दी थी कि बीसीसीआई ने उन्हें केपीएल में खेलने के निर्णय पर धमकी देते हुए भारत में क्रिकेट के लिए प्रवेश नहीं देने की बात कही है। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट और शाहिद अफरीदी सहित वहां की सरकार के मंत्रियों के भी बयान आए। इस बीच इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मोंटी पनेसर ने कश्मीर प्रीमियर लीग से हटने का निर्णय लिया। पनेसर ने कहा कि मुझे किसी ने कोई धमकी नहीं दी, ईसीबी ने मुझे बताया कि केपीएल में खेलने से क्या परेशानी मुझे आगे करियर में झेलनी पड़ सकती है। उसको देखते हुए मैंने निर्णय लिया कि भारत में क्रिकेट का बड़ा काम होता है। मेरा करियर वहां भी होगा। इसके अलावा कश्मीर को लेकर विवाद भी है इसलिए मैंने टूर्नामेंट से हटने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कहा कि वे एक ऐसे खिलाड़ी की बात का न समर्थन कर पा रहे हैं और न मना कर पा रहे हैं, जो मैच फिक्स के कारण सीबीआई जांच का सामना कर चुका है। इसके बाद इस अधिकारी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भ्रम की स्थिति में है। भारतीय जमीन पर होने वाली क्रिकेट गतिविधियों पर निर्णय लेने का अधिकार बीसीसीआई के पास है।
कश्मीर प्रीमियर लीग को लेकर शाहिद अफरीदी ने भी कहा था कि बीसीसीआई यह सही नहीं कर रहा है। हम इससे विचलित नहीं होकर लीग को आगे बढ़ाएंगे।