काइल जेमिसन (Kyle Jamieson) ने भारत (India Cricket team) के खिलाफ पांच टेस्ट खेले, जिसमें से चार टेस्ट में जबरदस्त सफलता हासिल की। मगर न्यूजीलैंड (New Zealand Cricket team) के तेज गेंदबाज ऑलराउंडर का मानना है कि उन्हें सीनियर गेंदबाजों ट्रेंट बोल्ट (Trent Boult) और टिम साउथी (Tim Southee) से काफी मदद मिली।
सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले कीवी गेंदबाज बने काइल जेमिसन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्हें काफी आगे जाना है और सफेद गेंद क्रिकेट शैली में बहुत कुछ सीखना है।
काइल जेमिसन ने कहा, 'मैं अभी जहां हूं और मुझे जहां अपने करियर में पहुंचना है तो उसके लिए काफी लंबा जाना है। कई चीजें सीखना है, सफेद गेंद शैली में, क्योंकि बहुत आगे जाना है।'
6 फुट 9 इंच कद के जेमिसन ने कहा, 'आगे क्या आने वाला है, कुछ भी गारंटी नहीं है। मगर मुझे लगता है कि आगे क्रिकेट है, तो मुझे अपना खेल बढ़ाना होगा। अपनी शैली में सुधार करना होगा। आने वाले दिनों में आईसीसी टूर्नामेंट्स जीतना होंगे।' बता दें कि काइल जेमिसन ने 10 मैचों में 52 विकेट लिए थे।
काइल जेमिसन ने भारत के खिलाफ 5 टेस्ट में 22 विकेट लिए थे। मुंबई में खेले गए टेस्ट में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था। जेमिसन ने विराट कोहली और कंपनी को काफी परेशान किया, लेकिन अपनी सफलता के बारे में बताते हुए वो बहुत सौम्य हुए।
कानपुर में अपने प्रदर्शन से खुश हैं काइल जेमिसन
काइल जेमिसन ने कहा, 'मेरे ख्याल से मैं कुछ समय भाग्यशाली रहा और पांच में से तीन टेस्ट रास आने वाली परिस्थितियों में खेले गए। मैंने हमेशा यह बात बरकरार रखी कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि ट्रेंट बोल्ट, टिम साउथी और नील वेगनर जैसे खिलाड़ियों के बीच आया, जिनका लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हमने घर में खेला, तो हमने चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान संभाला और अन्य तीन लोगों की कड़ी मेहनत का फल मुझे मिला। मैं भाग्यशाली हूं कि भारत के खिलाफ कुछ समय पक्ष वाली परिस्थितियों में खेला और मेरा मानना है कि गेंद भी कई बार मेरे पक्ष में रही।'
हालांकि, जेमिसन ने कानपुर के ग्रीन पार्क पिच पर छह विकेट लेकर दर्शाया कि वह अपने कदम और फुल लेंथ पर गेंद डालने की क्षमता के दम पर पक्ष वाली पिच नहीं होने के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं। जेमिसन ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि जगह किस तरह खेलती है और उन परिस्थितियों में काफी सीमित समय था। तो हां, उन परिस्थितियों में अपने खेल के बल पर टीम के लिए काम कर सका, जिससे काफी सुकून मिला।'