भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए 31 अक्टूबर का दिन खास मायने रखता है। उन्होंने आज ही के दिन 13 साल पहले यानी 31 अक्टूबर 2005 को अपने वन-डे करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाकर ऐसा रिकॉर्ड स्थापित किया जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है।
धोनी की यह ऐतिहासिक पारी फैंस के जहन में आज भी तरोताजा है। माही ने जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में सिर्फ 145 गेंदों में 15 चौके और 10 छक्कों की मदद से नाबाद 183 रन बनाए थे। एकदिवसीय क्रिकेट में किसी विकेटकीपर द्वारा बनाया गया यह सर्वश्रेष्ठ स्कोर था, जो आज तक कायम है। धोनी ने अपनी पारी के दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के 172 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा था।
श्रीलंका के विरुद्ध इस मुकाबले में विपक्षी कप्तान मर्वन अट्टापट्टू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। श्रीलंका की तरफ से विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने ओपनिंग की और नाबाद 138 रन बनाए। महेला जयवर्धने ने भी 71 रन की उम्दा पारी खेली। श्रीलंका ने निर्धारित 50 ओवर में 4 विकेट खोकर 298 रन बनाए और भारतीय टीम के सामने 299 रन की चुनौती थी।
टीम इंडिया जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो उसकी शुरुआत बेहद खराब रही। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, चमिंडा वास ने पहले ही ओवर में संगकारा के हाथों कैच आउट कराकर भारतीय टीम को तगड़ा झटका दिया। राहुल द्रविड़ ने आमतौर पर छठे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए आने वाले महेंद्र सिंह धोनी को तीसरे नंबर पर भेज दिया और धोनी ने इस मौके को हाथों हाथ लिया।
रांची के क्रिकेटर ने श्रीलंका के दिग्गज गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और प्रशंसकों के बीच अपनी जगह बना ली। धोनी ने पारी के दौरान हेलीकॉप्टर शॉट भी जमाया और श्रीलंकाई गेंदबाज उनके सामने बौने साबित हो रहे थे। माही शुरुआत से ही आक्रामक मूड में थे और उन्होंने केवल 40 गेंदों में अपना अर्धशतक जबकि 85 गेंदों में शतक पूरा कर लिया था। धोनी ने अकेले के दम पर पूरे मैच का रूख पलटा और टीम इंडिया को 23 गेंद पहले ही 6 विकेट से मैच जिताया।
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