दक्षिण अफ्रीका (South Africa) दौरे में भारतीय टीम (Indian Team) को टेस्ट और वनडे सीरीज में शिकस्त मिली। टेस्ट सीरीज को प्रोटियाज टीम ने 2-1 से अपने नाम किया। वहीं वनडे सीरीज में दक्षिण अफ्रीका ने एकतरफा अंदाज में क्लीन स्वीप किया। इसके बाद से वनडे सीरीज में भारत की अगुवाई कर रहे केएल राहुल (KL Rahul) की कप्तानी की आलोचना भी जारी है। इस कड़ी में भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी भी शामिल हो गए हैं, जिन्होंने राहुल की रणनीति पर सवाल उठाए हैं।
भारत की ओर से 12 वनडे और तीन टी-20 खेल चुके तिवारी ने स्पोर्ट्सकीड़ा से कहा कि आपने केएल राहुल में कप्तानी के कौन से गुण देख लिए? अचानक से अब यह कहा जा रहा है कि उन्हें हम भविष्य के कप्तान के तौर पर देख रहे हैं। कप्तानी किसी को सिखाई नहीं जा सकती। किसी इंसान में कप्तानी के गुण जन्म से होते हैं। किसी खिलाड़ी को फैसले लेने के बारे में समझने के लिए 20 से 25 मैच लगते हैं लेकिन उसके बाद भी आपको कामयाबी मिलेगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं होता।
घरेलू क्रिकेट में बंगाल के पूर्व कप्तान रहे तिवारी ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह के खिलाड़ी हमारे पास मौजूद थे हमें सीरीज नहीं हारनी चाहिए थी। कुछ गलत फैसले हमारे खिलाफ गए। मैं राहुल की कप्तानी को कसूर नहीं दे रहा मैं चयनकर्ताओं को इसका दोषी मानता हूं, जिन्हें खिलाड़ी के अंदर कप्तानी के गुण देखने चाहिए ना कि किसी खिलाड़ी को कप्तानी सिखाने की बात कहनी चाहिए। मैं बस चयनकर्ताओं से ये पूछना चाहता हूं कि उन्होंने राहुल में ऐसा क्या देखा जिसके चलते वो उन्हें भारतीय कप्तान बनाना चाहते हैं।
राहुल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तानी की खराब शुरुआत रही है। उन्होंने विराट कोहली की गैरमौजूदगी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कप्तानी की, जिसमें टीम हारी। इसके बाद बतौर कप्तान तीन वनडे में भी उन्हें शिकस्त मिली है। इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी उन्होंने कप्तानी में निराश किया है।