आईपीएल (IPL) में चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) और केकेआर (KKR) की टीमें फाइनल में एक बार फिर से आमने-सामने हैं। ऐसे में फैन्स 2012 में दोनों टीमों के बीच हुए फाइनल मैच को याद कर रहे हैं जिसमें मनविंदर बिस्ला (Manvinder Bisla) ने आकर चेन्नई से मैच छीनकर मैच केकेआर की झोली में डाल दिया था। केकेआर की टीम ने उस समय गौतम गंभीर की कप्तानी में फाइनल जीता था। चेन्नई की टीम के खिलाफ एक बड़े स्कोर का पीछा करते हुए केकेआर ने खिताब हासिल किया था और मनविंदर बिस्ला खिताबी जीत के हीरो बने थे।
2012 में चेन्नई में फाइनल मैच खेला गया था और पहले बैटिंग भी चेन्नई सुपरकिंग्स ने की थी। मुकाबले में चेन्नई ने 3 विकेट खोकर 190 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। माइकल हसी ने 54 और मुरली विजय ने 42 रन बनाए। सुरेश रैना ने भी अपने बल्ले से बेहतर खेल का प्रदर्शन किया और 38 गेंद पर 73 रनों की पारी खेली। इस तरह चेन्नई ने 3 विकेट पर 190 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा करते हुए केकेआर के सामने मजबूत दावेदारी पेश की।
फाइनल मैच में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए अलग दबाव होता है। ब्रेंडन मैकलम की जगह खेल रहे मनविंदर बिस्ला ने फाइनल का दबाव बखूबी झेलते हुए चेन्नई के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। बिस्ला ने जैक्स कैलिस के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी निभाई। बिस्ला ने 48 गेंद में 8 चौके और 5 छक्के लगाए और 89 रन बनाए। जैक्स कैलिस ने भी 69 रन की पारी खेली। इस तरह दो गेंद शेष रहते केकेआर ने 5 विकेट पर 192 रन बनाकर खिताबी जीत हासिल कर ली।
मनविंदर बिस्ला एक अनजान नाम थे और मैदान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए तूफानी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया और चेन्नई को मात दे दी। इस बार भी केकेआर से कुछ उसी तरह के खेल की उम्मीद की जा रही है।