ऑस्ट्रेलिया (Australia) के ओपनर बल्लेबाज मार्कस हैरिस (Marcus Harris) ने गाबा टेस्ट मैच में भारतीय टीम (Indian Team) की धाकड़ जीत को लेकर बयान दिया है। हैरिस ने कहा कि मेजबान टीम के लिए यह एक कठिन अनुभव था, लेकिन उन्हें मेहमान भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन के कारण अपनी टोपी नीची करनी पड़ी। भारतीय टीम ने उस टेस्ट मैच को जीतकर इतिहास रच दिया था।
एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत में मार्कस हैरिस ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा की दस्तक ने ऑस्ट्रेलिया के किले में निर्णायक मैच के अंतिम दिन अंतर पैदा किया। अजिंक्य रहाणे की टीम 1988-89 सीज़न के बाद से ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया को गाबा में हराने वाली पहली टीम बनी। गाबा में पांचवें दिन पुजारा का लचीलापन उस भावना का प्रतिबिंब था क्योंकि उन्होंने शरीर पर कई वार झेले लेकिन अपना विकेट देने से इनकार कर दिया। यह पुजारा के कारण ही संभव हुआ कि गिल, रहाणे और पन्त ने बेहतरीन आक्रामक क्रिकेट खेलते हुए मैच अपने पक्ष में कर लिया।
मार्कस हैरिस का पूरा बयान
कंगारू खिलाड़ी ने यह भी कहा कि अंतिम दिन का खेल देखने लायक था। पूरे दिन विचार प्रक्रिया यही थी कि 'क्या वे रनों के लिए जा रहे हैं या नहीं?'। मुझे लगता है कि ऋषभ ने उस दिन सबसे अच्छी पारी खेली थी लेकिन पुजारा ने मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी की तरह बल्लेबाजी की और सब कुछ अपनी छाती पर झेल लिया और इसके आस-पास ही बल्लेबाजी करते रहे।
हैरिस ने यह भी कहा कि ऋषभ पंत की पारी अविश्वसनीय थी। हर कोई कहता है कि उनमें जादू है और उन्होंने यह दिखाया है। उल्लेखनीय है कि लगभग आधी से ज्यादा टीम चोटिल होकर बाहर होने के बाद भारतीय टीम के नए खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया और टीम को सीरीज जिताने में अहम योगदान दिया।