दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के हेड कोच मार्क बाउचर (Mark Boucher) पर खिलाड़ियों में नस्लीय आधार पर भेदभाव के आरोप लगे थे और अब मार्क बाउचर मजबूती से माफ़ी मांगने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने इस तथ्य को माना है कि उनके खेलने के दिनों में टीम संस्कृति सही नहीं थी और मुख्य रूप से परिपक्वता और चेतना की कमी के कारण ऐसा हुआ।
मार्क बाउचर ने कहा कि अपने साथियों के साथ आपत्तिजनक गाने या आपत्तिजनक उपनामों का उपयोग करने में मैंने जो भूमिका निभाई, उसके लिए गहरा खेद है।
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर मार्क बाउचर ने हाल ही में दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रीय टीम को संबोधित भी किया। टीम के सफेद गेंद कप्तान ने कहा कि कोच ने इस मामले को स्पष्टता प्रदान की और वे SJN द्वारा की गई इस पहल का स्वागत करता हूँ।
टेम्बा बवुमा ने मार्क बाउचर के लिए कहा कि उन्होंने स्पष्टता और संदर्भ प्रदान किया और यह लोगों को अपने आत्मविश्वास और आराम से रखने के बारे में अधिक था। जितना हम एक टीम के रूप में काम करते हैं और हम अपने सर्कल में जो कुछ भी नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, वे मामले टीम के भीतर आते हैं। यह अहम है कि हम आंतरिक रूप से इससे निपटें और जो भी कठिन सवाल हमें एक-दूसरे से पूछने की आवश्यकता हो।
मार्क बाउचर पर उनके साथ खेल चुके खिलाड़ी पॉल एडम्स ने आरोप लगाए और कहा कि उन्हें साथी खिलाड़ियों ने ब्राउन कहा। बाउचर ने कहा कि मैंने उन्हें इस तरह के निकनेम नहीं दिए लेकिन जिन लोगों ने ऐसा किया, उस ग्रुप का हिस्सा मैं था। बाउचर ने इसे पूरी तरह से अनुचित, अस्वीकार्य और पूर्व-निरीक्षण में काफी आक्रामक माना।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद काफी सालों से चलता आ रहा है। इसी वजह से ब्लैक खिलाड़ियों को अंतिम इलेवन में शामिल करना अनिवार्य किया गया। समय के साथ-साथ नस्लभेद में में सुधार आया है लेकिन पूरी तरह से यह समाप्त नहीं हुआ। भारतीय खिलाड़ियों के साथ भी विपक्षी टीमों ने ऐसा किया है।