Matthew Wade moves to coaching role: ऑस्ट्रेलिया को अपने घर पर अगले महीने पाकिस्तान के खिलाफ व्हाइट बॉल क्रिकेट में 3 वनडे और 3 टी20 मुकाबले खेलने हैं। इसके लिए स्क्वाड घोषित भी हो चुके हैं। सीरीज की शुरुआत से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए विकेटकीपर की भूमिका निभाने वाले मैथ्यू वेड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से तत्काल प्रभाव से संन्यास का ऐलान कर दिया हैं। संन्यास के बावजूद वेड ऑस्ट्रेलिया टीम से जुड़े रहेंगे और पाकिस्तान के खिलाफ कोचिंग स्टाफ का हिस्सा बनेंगे। वेड ने आखिरी बार जून में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया था।
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान मैथ्यू वेड का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इसके बाद 36 साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को सितंबर में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज से टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। तभी से उनके संन्यास की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब उन्होंने आधिकारिक रूप से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। हालांकि, वेड बिग बैश लीग और दुनिया भर में होने वाली अन्य फ्रेंचाइजी टी20 लीग में खेलना जारी रखेंगे।
संन्यास को लेकर क्या बोले मैथ्यू वेड?
इस विकेटकीपर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर पर विराम लगाने के फैसले को लेकर कहा,
“मुझे पूरी तरह से पता था कि पिछले टी20 वर्ल्ड कप के बाद मेरे इंटरनेशनल करियर का अंत हो चुका है। पिछले छह महीनों में जॉर्ज बेली और एंड्र्यू मैकडोनाल्ड के साथ मेरी अंतरराष्ट्रीय सेवाएं और कोचिंग के बारे में लगातार चर्चा होती रही है। पिछले कुछ सालों से कोचिंग मेरी प्राथमिकता रही है और सौभाग्य से मुझे कुछ बेहतरीन अवसर मिले हैं, जिसके लिए मैं बहुत आभारी और उत्साहित हूं।”
मैथ्यू वेड के अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने तीनों ही फॉर्मेट खेले। वो अपने करियर में 36 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने करीब 30 की औसत से 1613 रन बनाए। जिसमें 4 शतक और 5 अर्धशतक लगाए। वेड ने इसके अलावा 97 वनडे मैच खेले। इसमें वो 26.29 की औसत से 1667 रन बनाने में सफल रहे, उन्होंने इस दौरान 1 शतक और 11 अर्धशतकीय पारियां खेली। मैथ्यू वेड का नाम टी20 में काफी छाया रहा। टी20 इंटरनेशनल में वो 92 मैच खेले, जिसमें 26.13 की औसत के साथ ही 135 के करीब की स्ट्राइक रेट से 1202 रन बनाए। उन्होंने 3 अर्धशतक भी लगाए। साल 2021 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में शाहीन अफरीदी की उन्होंने जबरदस्त धुनाई की थी और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया था।