दिग्गज लेग-स्पिनर शेन वॉर्न (Shane Warne) का 52 साल की उम्र में हाल ही में निधन हो गया था। वॉर्न का निधन थाईलैंड के एक विला में हुआ था। वॉर्न के निधन के बाद से लगातार श्रद्धांजलियों का दौर जारी है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और वॉर्न के साथी खिलाड़ी रहे माइकल क्लार्क ने भी अब उन्हें श्रद्धांजलि दी है। क्लार्क ने कहा है कि वॉर्न ने अपना जीवन काफी तेजी के साथ जिया और उन्होंने अपने आस-पास अजेय रहने की फीलिंग बनाई थी।
क्लार्क ने कहा,
उन्होंने अपने जीवन को इतना तेज जिया था कि उनके पास अजेय रहने की फीलिंग बन गई थी। वह हमेशा चलते रहते थे। आप उनसे कहते कि दोस्त आप कैसे यह सब कर लेते हैं। आपको आराम करना चाहिए, सोना चाहिए। वह 24/7 चलते रहते थे। आप किसी भी तरह से उनको रोक नहीं सकते थे। मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई भी चीज होगी जिसका अनुभव वॉर्न ने नहीं लिया हो। सोना उनकी ताकत नहीं थी।
"वॉर्न खेल को औरों से कहीं जल्दी और बेहतर समझते थे"- क्लार्क
क्लार्क के मुताबिक वॉर्न जितनी सिगरेट और शराब का सेवन करते थे उसके हिसाब से यदि उन्हें लीवर का कैंसर हुआ होता और उससे उनकी मौत होती तो लोग इस बात को पचा ले जाते, लेकिन उनका इस तरह से जाना काफी ज्यादा अखर रहा है। उन्होंने कहा,
खेल को लेकर उनके पास जितना ज्ञान था वह उन लोगों से काफी अधिक था जिनके साथ मैं खेला हूं। मैं जितने भी लोगों के साथ खेला हूं उनमें वॉर्न गेम को काफी बेहतर तरीके से समझते थे। वह चीजों को उनके होने से पहले ही देख लेते थे। वह एक शानदार कप्तान थे और मैं उनकी कप्तानी में हैंपशायर के लिए खेला हूं। वॉर्न प्लानिंग करते थे, बल्लेबाज को सेट करते थे और स्लेजिंग भी करते थे। वॉर्न को पता था कि उस ओवर में वह क्या करने वाले हैं, लेकिन बल्लेबाज को इसका अहसास भी नहीं होता था। वॉर्न स्पिनर के रूप में ग्लेन मैकग्रा थे।
Edited by Prashant Kumar