पाकिस्तान के फैंस 2007 में हुए पहले टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के फाइनल में मिस्बाह उल हक के उस स्कूप शॉट को आज तक नहीं भूले हैं और ना ही मिस्बाह उल हक (Misbah ul Haq) और पाकिस्तानी खिलाड़ी उसको भूल पाए हैं। एक सवाल के जवाब में मिस्बाह उल हक ने खुद इसका खुलासा किया और कहा कि उस स्कूप शॉट की वजह से ही पाकिस्तानी बल्लेबाज अनऑर्थोडॉक्स शॉट्स खेलने से डरने लगे।
दरअसल एक पाकिस्तानी स्पोर्ट्स चैनल ए स्पोर्ट्स पर टी20 वर्ल्ड कप को लेकर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने मिस्बाह उल हक से एक सवाल किया। उन्होंने मिस्बाह से पूछा कि दूसरी टीमों की तरह पाकिस्तान के खिलाड़ी क्यों अनऑर्थोडॉक्स शॉट्स नहीं खेलते हैं।
मेरे उस शॉट का बाकी बल्लेबाजों पर काफी असर पड़ा - मिस्बाह उल हक
इसके जवाब में मिस्बाह ने कहा कि इन्होंने 2007 फाइनल के बाद मारना छोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा,
लोगों ने देखा कि इसको जीने नहीं दे रहे हैं तो हम भी इस तरह का शॉट्स नहीं खेलेंगे। मैंने जो 15 चौके मारे थे वो किसीको याद नहीं हैं। मैंने जिंदगी में वो शॉट कभी मिस नहीं किया। अगर मैं सामने मारता तो उधर भी तो फील्डर्स थे। अगर स्पिनर्स गेंदबाजी कर रहा है और खिलाड़ी फाइन लेग सर्कल में है तो मैं उसके ऊपर से मार सकता था, वो भी फ्लाइटेड गेंद को।
आपको बता दें कि उस मैच में पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी और शुरूआती दो गेंदों में 7 रन आ गए थे। अब पाकिस्तान को अगली चार गेंदों में 6 रन की जरूरत थी लेकिन जोगिंदर शर्मा के ओवर की तीसरी गेंद पर स्कूप खेलते हुए मिस्बाह गेंद हवा में मार बैठे और शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने कैच पकड़ते हुए भारत की जीत पक्की कर दी।