वर्तमान में कोरोना से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 'बायो बबल' में क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। पाकिस्तान के मुख्य कोच मिस्बाह उल हक ने बायो बबल से खिलाड़ियों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव पर अपना बयान दिया है। मिस्बाह उल हक ने कहा है कि अगर क्रिकेट का आयोजन 'बायो बबल' में जारी रहता है तो ‘पश्चिमी देशों’ के खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ज्यादा प्रभावित होंगे। इसके अलावा मिस्बाह उल हक का कहना है पाकिस्तानी खिलाड़ी मानसिक रूप से अधिक मजबूत हैं इसीलिए मानसिक स्वास्थ्य उन पर इतना प्रभावी नहीं रहेगा।
मिस्बाह उल हक का बयान
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह उल हक ने यूट्यूब चैनल 'क्रिकेट बाज' से कहा, "अभी क्रिकेट जिस तरह खेला जा रहा है अगर उसी तरह जारी रहता है तो हां, खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों का मानसिक स्वास्थ्य एक मुद्दा है। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, मुझे लगता है कि हमारे खिलाड़ी अपने सामाजिक वातावरण के कारण मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन मेरा मानना है कि लंबे समय से पश्चिमी देशों के खिलाड़ी और अधिकारी इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनकी संस्कृति हमसे अलग है। उनके लिए मौजूदा माहौल (बायो बबल) जो क्रिकेट के लिए बनाया गया है वह ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।"
मुख्य कोच ने कहा कि इंग्लैंड दौरे पर पाबंदियों के साथ आइसोलेशन के हालात खिलाड़ियों के लिए काफी कड़े थे लेकिन क्रिकेट के नजरिये से इससे पाकिस्तानी खिलाड़ियों और अधिकारियों को काफी मदद मिली। मिस्बाह ने आगे कहा,"हर समय घर के अंदर रहना और स्वतंत्रता के साथ बाहर नहीं जाने देना खिलाड़ियों और यहां तक कि अधिकारियों पर भी भारी पड़ता है। मुझे लगता है कि यह हमारे लिए अच्छा था क्योंकि प्रबंधन और खिलाड़ियों के बीच तालमेल में सुधार हुआ, खिलाड़ी एक-दूसरे का भरपूर समर्थन कर रहे थे और आमतौर पर टीम में बॉन्डिंग में बहुत सुधार हुआ।"