पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez) ने टीम के तेज गेंदबाजों पर निशाना साधा है। उन्होंने उन तेज गेंदबाजों की काफी आलोचना की है जो वर्कलोड के नाम पर रेस्ट लेते हैं। हफीज के मुताबिक सबकुछ प्लेयर की इच्छाशक्ति पर डिपेंड करता है। अगर वो खेलना चाहता है तो फिर खेल ही लेगा।
वर्ल्ड कप 2023 में खराब परफॉर्मेंस के बाद मोहम्मद हफीज को पाकिस्तान टीम का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। हालांकि उनकी कोचिंग में टीम को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और इसी वजह से मोहम्मद हफीज को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। हफीज के कार्यकाल के दौरान हारिस रऊफ को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए टेस्ट मैच खेलने की बजाय बिग बैश लीग में खेलने का फैसला किया था। रऊफ ने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट के लिए उनकी बॉडी तैयार नहीं थी।
खिलाड़ी को अगर खेलना है तो फिर वो खेलेगा - मोहम्मद हफीज
हफीज के मुताबिक उनके करियर के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी खिलाड़ी ने वर्कलोड के नाम पर रेस्ट लिया हो। उन्होंने ए स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कहा,
मैंने 18 सालों तक क्रिकेट खेला है लेकिन मेरे करियर के दौरान हमने ये चीज कभी नहीं सुनी थी। ये खिलाड़ी के इच्छाशक्ति पर डिपेंड करता है। अगर वो प्लेयर खेलना चाहता है तो खेलेगा और अगर नहीं खेलना चाहता है तो फिर वर्कलोड के बारे में बात करेगा। मैं टीम के साथ दो महीने तक था और मेरे लिए वर्कलोड मैनेजमेंट को समझना काफी मुश्किल था। तेज गेंदबाजों के काम को मैनेज करना जरुरी होता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो सिर्फ चार ही ओवर गेंदबाजी करेगा। आपकी प्रैक्टिस और ट्रेनिंग काफी कड़ी होनी चाहिए। शमार जोसेफ ने लगातार 12 ओवर किए थे लेकिन उनके मन में वर्कलोड का ख्याल नहीं आया।