भारतीय टीम को 2023 वर्ल्ड कप में खुद को साबित करना होगा, पाकिस्तान से आया बड़ा बयान 

India v Australia - 2nd ODI
India v Australia - 2nd ODI

किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जाती है, लेकिन नॉकआउट मैचों में उनका खराब प्रदर्शन सभी की उम्मीदों पर पानी फेर देता है। हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez) ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि भारत बड़े मैचों के दबाव को झेलने में असमर्थ रहा है और उन्हें वर्ल्ड कप 2023 में खुद को साबित करना है।

मोहम्मद हफीज का यह भी मानना है कि भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर आयोजित होने वाली वर्ल्ड कप 2023 टूर्नामेंट को जीतने की प्रबल दावेदार है, लेकिन उन्हें नॉकआउट मैचों में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने के तरीके खोजने होंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय टीम 2013 के बाद कोई भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी है। हालांकि, यदि टी20 वर्ल्ड कप 2021 को छोड़ दिया जाए तो फिर उन्होंने सभी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट में अपनी जगह जरूर बनाई है। इस बीच वह चैंपियंस ट्रॉफी 2017 और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2019-21 चरण के फाइनल में भी पहुंचे थे।

यदि वनडे वर्ल्ड कप की बात की जाए तो भारतीय टीम को 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2019 में भी उन्हें सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।

लीजेंड्स लीग क्रिकेट में एशिया लायंस का प्रतिनिधित्व करने वाले पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर हफीज ने वर्ल्ड कप 2023 में भारत की स्थिति को लेकर कहा,

भारत प्रबल दावेदार है। हाल के दिनों में भारत के पास एक बड़ा प्लस पॉइंट है, मुझे ऐसा लगता है कि यह गांगुली के युग से शुरू हुआ है। उनके पास एक विश्व-विजेता की मानसिकता है। वहां से एमएस धोनी और विराट कोहली आगे बढ़े। हाल के दिनों में, पिछले 10-12 वर्षों में, जहां भी भारत खेल रहा है, उन्हें पसंदीदा माना जाता है। यह भारत के लिए विशेष है।

भारत को अब खुद को साबित करना होगा - मोहम्मद हफीज

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,

जब भारत में टूर्नामेंट होते हैं, जब बड़े मैच भारत में होते हैं और द्विपक्षीय श्रृंखला में, तो विपक्ष के पास बहुत कम मौका होता है। उनकी (भारत की) सफलता की दर बहुत अधिक होती है। लेकिन, जब बड़े टूर्नामेंट आते हैं, तो मुझे लगता है कि भारत में सिर्फ एक पहलू की कमी है। हाल के दिनों में आईसीसी इवेंट्स में वे बड़े मैचों में प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण मैचों में हार का सामना किया, इंग्लैंड के खिलाफ वे सेमीफाइनल हार गए। 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तब भी, वे पसंदीदा थे। जहां तक भारत का संबंध है, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। भारत को अब दुनिया के सामने खुद को साबित करना है। उन्हें आकर आईसीसी की बड़ी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए।

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Edited by Prashant Kumar