पिता के निधन के बाद भी मोहम्मद सिराज (Mohammad Siraj) ने ऑस्ट्रेलिया (Australia) में रहकर टीम के लिए खेलने का फैसला लिया और धाकड़ खेल दिखाने में कामयाब रहे। ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतकर भारत लौटने पर मोहम्मद सिराज सबसे पहले अपने दिवंगत पिता के कब्र पर गए और वहां प्रार्थना की। मोहम्मद सिराज ने अपने सभी विकेट पिता को समर्पित करने का बयान दिया।
मोहम्मद सिराज ने कहा कि मानसिक रूप से यह मुश्किल था। मेरे परिवार ने मुझे डैड का सपना पूरा करने के लिए कहा। मेरी मंगेतर ने मुझे उत्साहित किया और टीम ने भी साथ दिया। मैंने अपने सभी विकेट अपने पिता को समर्पित किये और मयंक अग्रवाल के साथ जश्न भी उनको समर्पित किया।
मोहम्मद सिराज का पूरा बयान
सिराज ने कहा कि मैंने ये कई विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा था। कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद, हर कोई मुझ पर भरोसा कर रहा था। मैं दबाव में था और ऐसा करना चुनौतीपूर्ण था। ऑस्ट्रेलिया के दर्शकों द्वारा गाली गलौच को लेकर सिराज ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई भीड़ ने मुझे गाली देना शुरू कर दिया, इसने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बना दिया, इसे अपने प्रदर्शन में बाधा नहीं बनने देना मेरी प्रमुख चिंता थी। मेरा काम अपने कप्तान को सूचित करना था कि मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
सिराज ने आगे कहा कि अम्पायरों ने कहा कि आप मैदान छोड़ दो लेकिन अजिंक्य भाई ने कहा कि खेल का सम्मान करते हुए हम मैदान छोड़कर नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीत के पीछे मोहम्मद सिराज का बड़ा हाथ रहा। उन्होए डेब्यू टेस्ट में पांच विकेट लेने के अलावा अंतिम टेस्ट की अंतिम पारी में भी 5 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलें खड़ी करने का काम किया। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से सीरीज में हराया।