चैंपियंस ट्रॉफ़ी में विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहले दो वॉर्म अप मैचों में कमाल का प्रदर्शन किया। जिससे उन्हें प्लेइंग-XI को परखने का मौक़ा मिला और फिर लीग के पहले मुक़ाबले में पाकिस्तान पर बड़ी और करारी जीत दर्ज की। टीम इंडिया की प्लेइंग-XI पाकिस्तान के ख़िलाफ़ काफ़ी संतुलित और ताक़तवर रही। कोहली की नज़र अब उसी कॉम्बिनेशन को आगे भी जारी रखने पर है, जिसका मतलब ये है कि दुनिया के बेस्ट ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन को बाहर ही बैठना होगा। इतना ही नहीं वर्ल्डकप 2015 के बाद टीम इंडिया से चोट की वजह से बाहर रहे रफ़्तार के सौदागर मोहम्मद शमी को भी अंतिम-11 में वापसी करने के लिए इंतज़ार करना पड़ेगा। इसकी वजह है पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह की पेस तिकड़ी का शानदार प्रदर्शन। साथ ही रविंद्र जडेजा की स्पिन गेंदबाज़ी और हार्दिक पांड्या का ऑलराउंड प्रदर्शन टीम इंडिया को एक शानदार और संतुलित गेंदबाज़ी आक्रमण दे रहा है। कोहली बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि इस कॉम्बिनेशन में कोई छेड़छाड़ किया जाए, टीम इंडिया के लिए भी ये शानदार संकेत है। जिस टीम में आर अश्विन और मोहम्मद शमी जैसे दिग्गज गेंदबाज़ बाहर बैठें, उससे अंदाज़ा लग सकता है कि बेंच स्ट्रेंथ कितनी मज़बूत है। हालांकि इंग्लिश हालात में आर अश्विन एक साधारण गेंदबाज़ ही रह जाते हैं और जो स्पिन उन्हें लाल गेंद से मिलती है वह पैनापन सफ़ेद गेंद में कहीं गुम हो जाता है। ऐसे में कोहली के लिए उन्हें बाहर बैठाने का फ़ैसला ज़्यादा मुश्किल भी नहीं। यह भी पढ़ें : ICC के ग़लत फ़ैसले की वजह से चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2017 से बाहर हो सकता है ऑस्ट्रेलिया ! लेकिन मोहम्मद शमी की रफ़्तार और इंग्लिश पिचों पर नई और पुरानी गेंद से स्विंग कराने की क्षमता सभी जानते हैं। कोहली के लिए शमी को बाहर बैठाना आसान नहीं है, पर जिस तरह उमेश यादव गेंदबाज़ी कर रहे हैं और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 3 विकेट भी झटके। उसे देखते हुए शमी के ऊपर उमेश यादव को तवज्जो देना जायज़ भी है, एक फील्डर के तौर पर भी यादव बेहतर हैं और शमी की परेशानी उनकी ख़राब फिटनेस भी है। बात अगर बल्लेबाज़ों की करें, तो अजिंक्य रहाणे और दिनेश कार्तिक का एक बार फिर बाहर बैठना तय है। रहाणे ने तो मिले मौक़ों को भुनाया तक नहीं, और सीमित ओवर फ़ॉर्मेट में उनकी बल्लेबाज़ी पर सवालिया निशान जारी ही है। लेकिन इनफ़ॉर्म दिनेश कार्तिक का बाहर बैठना, उनकी बदनसीबी से बढ़कर और कुछ नहीं। वॉर्म अप मैच में 94* की पारी खेलने वाले कार्तिक के लिए भी प्लेइंग-XI में जगह बनाना मुश्किल है, क्योंकि बल्लेबाज़ के तौर पर अनुभवी युवराज सिंह जहां लाजवाब फ़ॉर्म में हैं। तो बतौर विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के रहते हुए उन्हें अंतिम-11 में शामिल करना सपने में भी सोचा नहीं जा सकता। भले ही धोनी को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी का मौक़ा नहीं मिला था, लेकिन माही की विकेटकीपिंग का कोई जवाब ही नहीं। कोहली को भी ज़रूरी मौक़ों पर धोनी टिप्स देते हुए नज़र आते हैं। धोनी भले ही अब टीम के कप्तान न हों, लेकिन मैदान पर वह अब एक मेंटर की भूमिका निभाते हैं जिसका फ़ायदा कोहली एंड कंपनी को मिलता हुआ नज़र भी आ रहा है। कुल मिलाकर यही लगता है कि भारत कतई नहीं चाहेगा कि अपनी विनिंग कॉम्बिनेशन में कोई फेरबदल करे। अगर पूरे टूर्नामेंट में मोहम्मद शमी और आर अश्विन बाहर बैठते हैं तो किसी को कोई अचरज नहीं होगा।