भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज मोहम्मद शमी को बीसीसीआई की एंटी-करप्शन यूनिट ने मैच फिक्सिंग मामले में क्लीन चिट दे दी है और इस कारण से सीओए (प्रशासक समिति) ने उन्हें फिर से कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल कर लिया है। गौरतलब है कि शमी की पत्नी हसीन जहां ने उनके ऊपर मैच फिक्सिंग सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे और इसके बाद ही बीसीसीआई ने जांच कराने का निर्णय लिया था। इन आरोपों के कारण बीसीसीआई ने मोहम्मद शमी को नई कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल नहीं किया था। मोहम्मद शमी की पत्नी ने उनके ऊपर एक पाकिस्तानी महिला से पैसे लेकर फिक्सिंग का आरोप लगाया था। इसके बाद मोहम्मद शमी ने भी आरोपों पर पलटवार करते हुए इसे एक साजिश बताया था। बीसीसीआई के अधिकारियों ने अपनी जांच के अंतर्गत हसीन जहां और शमी से अलग-अलग पूछताछ की है और उसके बाद ही शमी को निर्दोष पाया गया। हसीन जहाँ ने शमी के ऊपर घरेलू हिंसा और विवाहेतर संबंध का आरोप भी लगाया था और इसके लिए कोलकाता पुलिस भी अपनी जांच कर रही है। बीसीसीआई के एंटी-करप्शन यूनिट के प्रमुख, नीरज कुमार ने अपनी रिपोर्ट प्रशासक समिति को सौंप दी है और अब मोहम्मद शमी के ऊपर एंटी-करप्शन कोड के तहत कोई कार्यवाई नहीं की जाएगी। आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कल ये बयान दिया था कि हम सिर्फ एंटी-करप्शन यूनिट के रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं और शमी की निजी ज़िन्दगी में क्या चल रहा है, उसका इससे कोई लेना देना नहीं है। बीसीसीआई ने मार्च की शुरुआत में नई ग्रेड मॉडल के तहत 26 खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल किया था और मैच फिक्सिंग के आरोप के कारण शमी का नाम इसमें शामिल नहीं किया गया था। गौरतलब है कि कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में पहली बार ए+ ग्रेड को शामिल किया गया है, जिसमें भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली सहित पांच खिलाड़ी शामिल हैं। शमी के शामिल होने से अब कॉन्ट्रैक्ट में 27 खिलाड़ी शामिल हैं, जिसमें पांच खिलाड़ी ग्रेड ए+ में, सात खिलाड़ी ग्रेड ए में, आठ खिलाड़ी ग्रेड बी में और सात खिलाड़ी ग्रेड सी में हैं।