पत्नी द्वारा आरोपों से घिरे भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद शमी को तब जरुर थोड़ी राहत की सांस मिली जब पूर्व भारतीय खिलाड़ी चेतन चौहान उनके समर्थन में उतरे और बीसीसीआई को शमी का अनुबंध खत्म करने पर फटकार लगाई। शमी की पत्नी हसीन जहां ने उन पर घरेलू हिंसा, प्रताड़ना सहित दूसरी महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बन्ध जैसे कई आरोप लगाए, इसके बाद बीसीसीआई द्वारा घोषित वार्षिक अनुबंध की सूचीसे मोहम्मद शमी का नाम हटा दिया गया था। चेतन चौहान ने बोर्ड के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि उन्हें शमी का नाम अनुबंध से बाहर नहीं करना चाहिए था। आगे उन्होंने कहा कि शमी का विवाद क्रिकेट से अलग है और अभी आरोप भी सिद्ध नहीं हुए हैं, ऐसे में मामला क्रिकेट से बाहर का होने की वजह से उन्हें बीसीसीआई में केन्द्रीय अनुबंध से हटाना सही नहीं है। उल्लेखनीय है कि शमी की पत्नी ने उन पर विवाहेतर सम्बन्ध रखने, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना सहित तलाक के लिए दबाव बनाने सम्बंधित कई बयान मीडिया में दिए। शमी द्वारा सभी बातों का खंडन करने के बाद वे ऑडियो टेप के साथ संवादताओं के सामने आईं। जाधवपुर थाणे में मोहम्मद शमी पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। दिल्ली डेयरडेविल्स में शमी के खेलने पर भी संशय बना हुआ है। दिल्ली टीम प्रबन्धन बीसीसीआई के आदेश का इंतजार कर रहा है। चेतन चौहान की बातों को देखा जाए, तो शमी का अनुबंध खत्म नहीं होना चाहिए था लेकिन नैतिक कर्तव्य के लिहाज से बोर्ड ने एक बार सभी चीजें साफ़ होने तक उनका अनुबंध रोकने का निर्णय किया है। बोर्ड ने कानूनी चीजों को ध्यान में रखते हुए भी शमी का नाम केन्द्रीय अनुबंध की सूची से बाहर रखना बताया है। मोहम्मद शमी के जीवन में अचानक आए इस भूचाल का उनके करियर पर क्या असर पड़ेगा, यह काफी अहम चीज मानी जानी चाहिए।