‘निरंतरता’ ही किसी 'महान खिलाड़ी' को 'अच्छे खिलाड़ियों' की सूची से अलग करती है। एक गेंदबाज के लिए निरंतरता तो और भी जरूरी होती है। किसी गेंदबाज के लिए एक मैच में अच्छा प्रदर्शन करना उसकी उपलब्धि है लेकिन सीरीज के सभी मैचों में उस अच्छे प्रदर्शन के स्तर को बरकरार रखना उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ खत्म हुए वनडे सीरीज में 15 विकेट लेकर भारत के जसप्रीत बुमराह ने 5 मैचों की वनडे सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। तो इसी बहाने आज चर्चा एक सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप 5 प्रदर्शनों की: लसिथ मलिंगा - इंग्लैंड के खिलाफ 13 विकेट (2006) लसिथ मलिंगा अपनी अजीब गेंदबाजी एक्शन के कारण के जाने जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी शुरुआत (2004) कुछ खास नहीं रही थी लेकिन 2006 में श्रीलंका के इंग्लैंड दौरे के दौरान पहली बार इस गेंदबाज ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी। सीरीज के पहले मैच में मलिंगा ने तीन विकेट लिए, जिसमें स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन का विकेट भी शामिल था। मलिंगा के इस प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका 257 रन के औसत लक्ष्य का बचाव करने में सफल रही। वहीं दूसरे मैच में श्रीलंका के इस तेज गेंदबाज ने इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को झकझोर के रख दिया और मार्क्स ट्रेस्कोथिक और इयान बेल को पवेलियन वापस भेज दिया। जिससे इंग्लैंड को 320 रन का पीछा करते हुए हार का सामना करना पड़ा। तीसरे और चौथे मैच में भी मलिंगा ने अपने प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए दो-दो विकेट लिए। वहीं सीरीज के आखिरी मैच में बल्लेबाजी के अनुकूल पिच पर भी मलिंगा ने चार विकेट लिए। इन चार विकटों में मलिंगा ने आखिरी के दो ओवरों में तीन विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड को डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाने का कोई मौका नहीं मिला। श्रीलंका ने 5-0 से यह सीरीज क्लीन स्वीप किया और मलिंगा ने 13 विकेट लेकर जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डैरेन गॉफ - न्यूजीलैंड के विरूद्ध 13 विकेट (2001-02) 2001-02 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड के प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज डैरेन गॉफ ने 13 विकेट लिए और अपनी गेंदबाजी क्षमता को दुनिया के सामने साबित कर दिया। पहले मैच में 197 रन के मामूली से लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड का स्कोर 136 रन पर सिर्फ 2 विकेट था। इस समय तक न्यूजीलैंड यह मैच आसानी से जीत रहा था, लेकिन तभी गॉफ ने वापसी करते हुए चार विकेट लिए और मैच को रोमांचक बना दिया। हालांकि गॉफ के इस तूफान के बीच नाथन एस्टल ने अपना धैर्य नहीं खोया और मुश्किल समय में अर्धशतक बना कर घरेलू टीम को जीत दिला दी। सीरीज के दूसरे मैच में दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने तीन विकेट लेकिन बल्लेबाजों की असफलता के कारण इंग्लैंड की टीम एक बार फिर मैच हार गई। इंग्लैंड की टीम को इस दौरे की पहली जीत तीसरे मैच में मिली जब गॉफ के दो विकेट की बदौलत टीम 244 रनों का बचाव करने में सफल रही। चौथे और पांचवें मैच में भी गॉफ दो-दो विकेट लिया और इस तरह वह सीरीज में 14.38 की औसत से कुल 13 विकेट लेने में सफल रहे। हालांकि इंग्लैंड यह सीरीज 3-2 से हार गई लेकिन इस तेज गेंदबाज ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। डैरेल टफी - पाकिस्तान के खिलाफ 13 विकेट (2000-01) लम्बे कद काठी और तेज गति से गेंदबाजी करने वाले न्यूजीलैंड के इस क्रिकेटर ने वन डे मैचों में अपनी टीम को कई मैच जिताये हैं। टफी अपने समय में न्यूजीलैंड के मुख्य तेज गेंदबाज हुआ करते थे और 2000-01 के सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ पांच वनडे में 13 विकेट उनके यादगार प्रदर्शनों में से एक था। पहले मैच में मेजबान न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के ऊपर चार विकेट से जीत दर्ज की। लेकिन दूसरे मैच में टफी ने तो पाकिस्तानी बल्लेबाजी क्रम का बखिया ही उधेड़ दी। टफी ने मैच के पहले ही गेंद पर पाक ओपनर सईद अनवर को आउट कर दिया। इसके बाद उन्होंने पहले स्पेल में दो और विकेट लिए। इस पूरे मैच में 6 विकेट लेकर टफी ने मेहमानों के वापसी करने के सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तीसरे मैच में भी इस तेज गेंदबाज ने तीन विकेट लिए लेकिन खराब बल्लेबाजी के कारण मेजबान टीम यह मैच हार गई। चौथे वन डे में भी टफी ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए शुरूआती दो ओवरों में ही दो विकेट ले लिए और फिर आखिरी के ओवरों में उन्होंने वकार यूनिस को भी चलता किया। सीरीज के पांचवें और निर्णायक गेम में दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने दो विकेट लिए। हालांकि वह इस मैच में काफी महंगे साबित हुए थे। न्यूजीलैंड ने पांचवा मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी आसानी से जीत लिया और 13 विकेट लेने वाले टफी इस सीरीज के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में उभरे। क्लिंट मैके - पकिस्तान के खिलाफ 14 विकेट (2009-10) क्लिंट मैके ने अपने दूसरे ही सीरीज में 14 विकेट लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत की थी। 2009-10 पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के पहले तीन वनडे में तीन विकेट लिए। उन्होंने इस सीरीज में बेतरीन लाइन-लेंथ से गेंदबाजी की और बीच के ओवरों में विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को बांध कर रखते थे। हालांकि चौथे मैच में मैके केवल एक विकेट ले पाये, लेकिन इसके लिए उन्होंने सात ओवर में सिर्फ 16 रन खर्च किया। सीरीज के अंतिम मैच में मैके ने फिर से कमाल दिखाते हुए अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा दर्ज किया और पहली बार एक पारी में चार विकेट लिए। दाएं हाथ के इस मध्यम तेज गेंदबाज ने इस सीरीज के पांच मैचों में 14 विकेट लिया और ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान का 5-0 से सूपड़ा-साफ दिया। जसप्रीत बुमराह - श्रीलंका के खिलाफ 15 विकेट (2017) मलिंगा की तरह जसप्रीत बुमराह का भी गेंदबाजी एक्शन गैर परंपरागत और अजीब है। लेकिन अपने इसी गेंदबाजी एक्शन के कारण वह डेथ ओवरों के सबसे प्रभावी गेंदबाज बन कर उभरे हैं। अभी हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ बुमराह ने टीम इंडिया के मुख्य गेंदबाजों उमेश यादव और मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन किया और पांच मैचों की सीरीज में 15 विकेट लेकर एक विश्व रिकॉर्ड कायम किया। श्रृंखला के पहले मैच में दो और दूसरे मैच मैच में चार विकेट लेकर बुमराह ने विपक्षी टीम की कमर ही तोड़ दी और भारत दोनों मैच आसानी से जीत गया। हालांकि बुमराह का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी था और तीसरे मैच में पांच बल्लेबाजों को आउट कर उन्होंने अपना पहला पांच विकेट हॉल पूरा किया। बुमराह के इस घातक गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंका 50 ओवरों में केवल 217 रन पर ही सिमट गई। अंतिम दो मैचों में भी बुमराह ने दो-दो विकेट लिए और भारत 5-0 से क्लीन स्वीप करने में सफल रही। इस तरह सीरीज में बुमराह ने 15 विकेट लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाया लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह बात रही कि बुमराह इस सीरीज के बाद और अधिक परिपक्व गेंदबाज के रूप में उभरे। मूल लेखक - चैतन्य हालगेकर अनुवादक - सागर