महेंद्र सिंह धोनी ने दिसंबर 2004 में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वो इसे यादगार नहीं बना पाए थे और 0 पर आउट हो गए थे। हालांकि किसने सोचा था कि पहले मैच में 0 पर आउट होने वाले इस खिलाड़ी गिनती विश्व के सबसे बड़े खिलाड़ियों में होगी। हालांकि धोनी ने अपनी मेहनत और कामयाबी से इसे मुमकिन बनाया।
धोनी ने 2007 में भारतीय टीम का कप्तान बनने के बाद टीम को वर्ल्ड टी20, वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब तो जिताया ही, बल्कि साथ में अपनी फिनिशिंग स्किल्स से टीम को बहुत से मैचों में जीत दिलाई। धोनी को हमेशा ही उनकी बेहतरीन कप्तानी और विकेटकीपिंग के लिए तो जाना जाता रहा है।
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हालांकि बतौर बल्लेबाज उनके आंकड़े और भी ज्यादा शानदार रहा। धोनी ने वनडे में 50.58 की औसत से 10773 रन बनाए, तो टेस्ट में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए। इस बीच अपने करियर में उन्होंने 16 शतक भी लगाए हैं।
इस आर्टिकल में एमएस धोनी द्वारा खेली गई ऐसी पारियों के ऊपर नजर डालेंगे जिन्हें फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे:
#) 2013 ट्राई सीरीज फाइनल vs श्रीलंका (52 गेंदों में 45* रन)
वेस्टइंडीज में 2013 में ट्राई सीरीज खेली गई थी, जिसका फाइनल मैच त्रिनिदाद में 11 जुलाई को भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुमार संगाकारा की अर्धशतकीय पारी की बदौलत 48.5 ओवरों में 201 रन बनाए और भारत को 202 रनों का लक्ष्य मिला।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 139-4 था, जब धोनी बल्लेबाजी करने आए थे, लेकिन 47वें ओवर तक भारतीय टीम का स्कोर 182-9 हो गया था और भारत के लिए जीत काफी मुश्किल नजर आ रही थी। आखिरी ओवर में भारत को 15 रनों की दरकार थी और स्ट्राइक पर महेंद्र सिंह धोनी थे।
महेंद्र सिंह धोनी पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना पाए और पूरा दबाव धोनी के ऊपर था। हालांकि धोनी ने अपनी शानदार फिनिशिंग स्किल्स दिखाते हुए दूसरी गेंद पर छक्का, तीसरी गेंद पर चौका और चौथी गेंद पर छक्का लगाते हुए भारत को एक विकेट से रोमांचक जीत दिलाई थी।
भारत ने दो गेंद श्रेष रहते हुए इस फाइनल को जीत लिया था। महेंद्र सिंह धोनी को 52 गेंदों में 5 चौके और 2 छक्कों की मदद से 45 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।
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#) 2013 vs ऑस्ट्रेलिया, चेन्नई टेस्ट (265 गेंदों में 224 रन)
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 फरवरी से चेन्नई में सीरीज का पहला टेस्ट मुकाबला खेला गया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 380 रन बनाए और भारत ने विराट कोहली के शतक के दम पर मजबूत जवाब दिया, लेकिन 406 के स्कोर तक टीम ने 8 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि धोनी ने एक छोर संभाले रखा और अपना पहला मैच खेल रहे भुवनेश्वर कुमार के साथ 140 रनों की साझेदारी करते हुए भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
धोनी ने 265 गेंदों में 24 चौके और 6 छक्कों की मदद से 224 रन बनाए। यह टेस्ट क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी की सबसे बड़ी पारी भी है। भारत ने अपनी पहली पारी में 572 रन बनाए और बाद में इस मैच में भारत ने 8 विकेट से जीत लिया था। धोनी को दोहरा शतक लगाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।
#) 2011 वर्ल्ड कप फाइनल vs श्रीलंका (79 गेंदों में 91* रन)
भारत और श्रीलंका के बीच 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई में 2 अप्रैल को खेला गया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए महेला जयवर्धने के शतक की बदौलत 274-6 का स्कोर खड़ा किया और भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया।
भारतीय टीम का स्कोर 22वें ओवर में 114-3 था जब धोनी बल्लेबाजी करने आए। धोनी ने पहले गौतम गंभीर के साथ 109 रनों की साझेदारी की और फिर युवराज सिंह के साथ 54 रनों की नाबाद साझेदारी करते हुए भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप जिताया। धोनी ने 79 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 91* रन बनाए। धोनी ने 49वें ओवर में छक्का लगाकर भारतीय टीम को सबसे यादगार जीत दिलाई। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।