भारतीय क्रिकेट के लिए सबकुछ करने वाले महेंद्र सिंह धोनी एक अलग चेहरा है। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान खेल के स्तर को एक उच्च दर्जा देने में सहायक होगा। खेल को धर्म का दर्जा देने वाले देश में धोनी ने इसे वापस खेल जैसा महत्व प्रदान किया, जहां जीत और हार खेल का हिस्सा होते हैं। मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी कप्तानी करते हुए धोनी को घबराते हुए नहीं देखा गया। आश्चर्यजनक फैसले लेने वाले पूर्व भारतीय कप्तान ने बुधवार को सीमित ओवर की कप्तानी से इस्तीफा देकर भी क्रिकेट प्रेमियों को हैरत में डाल दिया। इस फैसले के बारे में बीसीसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी थी। इससे पहले झारखंड के इस व्यक्ति ने खुद को एक कमरे में बंद कर इस राज्य की रणजी टीम के खिलाड़ियों को जीत के गुर भी बताए। झारखंड ने रणजी ट्रॉफी में पहली बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया लेकिन गुजरात से हारने के बाद इस टीम को फाइनल में पहुँचने का मौका नहीं मिला। धोनी ने इस दौरान अपने अलग अंदाज को एक बार फिर दर्शाते हुए झारखंड रणजी टीम के साथियों संग वीडियो गेम में फीफा फिफ़्टीन मिनट खेला। इस खिलाड़ी की यही खूबी है कि अपने फैसले लेने के बाद अपनी जिंदगी में व्यस्त होकर उसके बारे में फिर नहीं सोचता। उन्होंने कप्तानी छोड़कर इस पर आने वाली प्रतिक्रियाओं की चिंता किए बगैर एक सामान्य दिन की तरह अपने कामों में व्यस्त हो गए। रणजी ट्रॉफी मैच के बाद उन्होंने खिलाड़ियों को डिनर के लिए बुलाया तथा वापस जाते समय उनके चेहरे पर हल्की सी भी शिकन नहीं थी। उनके निर्णय ने उनके दिन के कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं डाला, और भारतीय टीम में बगैर कप्तानी के खेलना उन्हें ठीक लगा। इसी को ध्यान में रखते हुए धोनी ने खुद को इस बड़ी ज़िम्मेदारी से दूर करना उचित समझा। उनके द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम पर अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन इसे हम किसी रहस्य से कम भी नहीं मान सकते क्योंकि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के समय भी उनका कुछ इसी तरह का फैसला रहा था। भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने और उपलब्धियां दिलाने वाले इस खिलाड़ी को सम्पूर्ण देश की ओर से स्पोर्ट्सकीड़ा ह्रदय से शुभकामनाएं प्रदान करता है।