महेंद्र सिंह धोनी के उस हेलिकॉप्टर शॉट को कौन भूल सकता है जिसे उन्होंने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में जड़कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। महेंद्र सिंह धोनी के इस शॉट के अलावा एक और घटना इस फाइनल मैच में हुई थी। महेंद्र सिंह धोनी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा जब टॉस कर रहे थे तब असमंजस की स्थिति के कारण टॉस का सिक्का दूसरी बार उछाला गया था। कुमार संगकारा ने उस मामले को लेकर अब खुलासा किया है।
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ इन्स्टाग्राम लाइव पर बातचीत करते हुए संगकारा ने कहा कि वहां काफी ज्यादा क्राउड था और ऐसा श्रीलंका में कभी नहीं होता। ऐसा ईडन गार्डंस में हुआ था जब मैं स्लिप के फील्डर से बात नहीं कर सकता था, बेशक वानखेड़े में भी। मुझे याद है जब टॉस पर धोनी आश्वस्त नहीं थे और मुझे पूछा कि आपने टेल कहा, मैंने बोला कि मैंने हेड कहा। मैच रेफरी ने कहा कि मैंने टॉस जीता है लेकिन धोनी ने कहा नहीं। फिर उन्होंने कहा कि एक बार फिर टॉस करते हैं और तब भी हेड आया था।
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महेंद्र सिंह धोनी ने की थी धाकड़ बल्लेबाजी
उस वर्ल्ड कप फाइनल में सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग जल्दी ही आउट हो गए थे। युवराज सिंह और सुरेश रैना से पहले बल्लेबाजी के लिए धोनी ने आकर विपक्षी टीम को चौंका दिया। धोनी और गौतम गंभीर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। गंभीर 97 रन बनाकर आउट हो गए लेकिन धोनी ने हेलिकॉप्टर शॉट से टीम को जीत दिलाई। माही ने मैच में नाबाद 91 रन की पारी खेली थी।
संगकारा ने उस मैच में हारने को लेकर कहा कि हम हारें या जीतें लेकिन इसे लेने का माद्दा रखते हैं। मुस्कान के पीछे एक दर्द छुपा हुआ होता है जिसके लिए श्रीलंका में बैठे बीस मिलियन लोग 1996 के बाद से इंतजार में थे। हमें 2007 में मौका मिला था। इसके बाद 2009 और 2012 में टी20 वर्ल्ड कप के समय भी मौका मिला था। संगकारा ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल पर इतने साल बाद बात की है।