भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा गठित गवर्निंग काउंसिल की हाल ही में हुई बैठक में आगामी आईपीएल को लेकर कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में भारतीय कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के द्वारा दी गई एक महत्वपूर्ण सलाह को लेकर भी बातचीत की गई। दरअसल, यह सलाह घरेलू क्रिकेट में रणजी स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों के वेतन को लेकर दी गई थी। क्रिकेट में टी20 लीग आने से युवा खिलाड़ियों के पास बेहतरीन मौका होता है कि वह अपनी प्रतिभा को बड़े स्तर पर दिखाएं और इस कारण वह घरेलू क्रिकेट को ज्यादा तवज्जो न देते हुए केवल टी20 लीग पर अपना सारा ध्यान देते हैं और फ्रंचाईज के द्वारा इन खिलाड़ियों को मोटी रकम देकर खरीदा जाता है। इस मामले को लेकर कोहली और धोनी ने गवर्निंग काउंसिल की बैठक में अपनी सलाह रखी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एक निजी अख़बार को कर्नाटक के ख़िलाड़ी केसी करियप्पा का उदहारण देते हुए कहा कि करियप्पा के द्वारा बाकि घरेलू खिलाड़ियों के लिए गलत उदाहरण पेश होता है। उन्होंने अपनी राज्य टीम कर्नाटक के लिए अभी तक प्रथम श्रेणी का एक भी मैच नहीं खेला है लेकिन आईपीएल में उन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स के द्वारा 2.4 करोड़ रुपए देकर खरीदा गया था। इसलिए जो ख़िलाड़ी लगातार रणजी मैच खेलते हैं, वह इस तरह की रकम जुटाने में नाकाम रहते हैं। इस चर्चा को लेकर कोहली और धोनी ने गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सलाह देते हुए कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए एक सुनिश्चित राशि रखी जाए, जिससे बाकी घरेलू खिलाड़ियों पर इस बात का प्रभाव न पड़े। इसे भी पढ़ें: आईपीएल गवर्निंग काउन्सिल ने खिलाड़ियों के रिटेन प्रक्रिया की घोषणा की है घरेलू क्रिकेट के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी इस प्रकार के उदहारण पिछले वर्ष आईपीएल में देखने को मिले थे। जब किंग्स XI पंजाब की टीम ने तमिलनाडु के तेज गेंदबाज टी नटराजन को 3 करोड़ में खरीदा था। हालांकि नटराजन ने तमिलनाडु के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आईपीएल से पहले ही अपना डेब्यू कर लिया था। कोहली और धोनी की सलाह रणजी स्तर पर लगातार क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के लिए एक बेहतर मौके के रूप में उपलब्ध होगी और इस सलाह को लेकर बीसीसीआई द्वारा क्या फैसला लिया जाता है, यह देखना भी दिलचस्प रहेगा।