गाबा टेस्ट जीतने वाले अंजिक्य रहाणे, शार्दुल ठाकुर और पूर्व कोच रवि शास्त्री को एमसीए ने दिया सम्मान

अंजिक्य रहाणे, शार्दुल ठाकुर और रवि शास्त्री
अंजिक्य रहाणे, शार्दुल ठाकुर और रवि शास्त्री

भारतीय क्रिकेटर अंजिक्य रहाणे (Ajinkya Rahane), शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) और पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को मुंबई में आयोजित वार्षिक मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) अवॉर्ड्स में सम्मानित किया गया है। इन तीनों को 2020-21 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) जीतने की वजह से सम्मानित किया गया है। रहाणे और शार्दुल उस टीम का हिस्सा थे और रवि शास्त्री उस टीम के मुख्य कोच थे।

4 मैचों की उस टेस्ट सीरीज में भारत ने इतिहास रचा था। भारत ने ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से सीरीज हराई बल्कि ब्रिस्बेन के गाबा पर 32 साल बाद उन्हें टेस्ट मैच हराने वाली पहली टीम भी बनी थी।

भारत ने रचा था इतिहास

गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया 1988 के बाद कोई टेस्ट मैच नहीं हारा था, लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 के चौथे मैच की चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 328 रन चाहिए थे। भारत ने इस लक्ष्य को शुभमन गिल के 91, चेतेश्वर पुजारा के शानदार 56 और ऋषभ पंत के नाबाद 89 रनों की मदद से ऑस्ट्रेलिया को मैच भी हरा दिया और सीरीज भी।

भारत सीरीज का पहला मैच बुरी तरह से हारने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हरा पाई। इस जीत में कप्तान अजिंक्य रहाणे, शार्दुल ठाकुर और कोच रवि शास्त्री की अहम भूमिकाएं रही थी। शार्दुल ने ऑल-राउंड प्रदर्शन किया था। गाबा में बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 67 रन बनाए थे। वहीं गेंदबाजी के दौरान पहली पारी में 94 रन देकर 3 विकेट और दूसरी पारी में 61 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे।

शार्दुल और वॉशिंगटन की सुंदर साझेदारी

गाबा में उस सीरीज की पहली पारी में भारतीय टीम एक वक्त 186 रन पर ही 6 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी, लेकिन उसके बाद शार्दुल और वाशिंगटन सुंदर (62) के बीच में सातवें विकेट के लिए 123 रनों की शानदार साझेदारी हुई, जिसने भारत को ना सिर्फ एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया बल्कि एक मजबूत स्थिति में भी ला दिया था।

उनके अलावा अंजिक्य रहाणे उस मैच में कप्तानी कर रहे थे, क्योंकि विराट कोहली सीरीज के पहले टेस्ट मैच के बाद ही भारत वापस आ गए थे। उनके अनुपस्थिति में रहाणे ने काफी अच्छे तरीके से कप्तानी संभाली थी और गाबा में 37 और 24 रनों की पारियां खेली थी। वहीं रवि शास्त्री उस वक्त टीम इंडिया के मुख्य कोच थे और उन्होंने भी भारत की उस ऐतिहासिक जीत में अपनी भूमिका बखूबी निभाई थी।

इन्हीं कारणों से इन तीनों को मुंबई क्रिकेट एसोशिएसन ने मुंबई के इन तीन खिलाड़ियों को सम्मान दिया है। अब एक बार फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने वाली है। इस बार 4 टेस्ट मैचों की सीरीज भारत में खेली जाएगी और इसका आगाज 9 फरवरी से होगा। ऐसे में हमें उम्मीद है कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज में हराकर ट्रॉफी डिफेंड कर पाएगी और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी जा पाएगी।

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Edited by निशांत द्रविड़