रणजी ट्रॉफी के पहले दिन तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच मुकाबले में अम्पायर के निर्णय से असहमति जताने के कारण भारतीय ओपनर मुरली विजय पर दस फीसदी मैच फीस का फाइन लगाया गया। चायकाल से दो बॉल पहले रविचन्द्रन अश्विन के ओवर में यह हुआ। अम्पायर ने विकेट के पीछे कैच की अपील नकार दी और विजय उससे असहमत दिखे।
पारी के 70वें ओवर में बल्लेबाज पवन देशपांडे के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की अपील हुई। अम्पायर नितिन पंडित ने इसे नकार दिया। इसके बाद निराश तमिलनाडु के खिलाड़ी पिच के पास जाकर खड़े हो गए। इस दौरान अम्पायर नितिन पंडित उनसे बात करने के लिए गए। इसी बीच दूसरे अम्पायर अनिल दांडेकर असहमत विजय को शांत करने का प्रयास कर रहे थे। अम्पायर ने विजय का हाथ पकड़ा हुआ था।
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इस घटना के बाद तमिलनाडु टीम मैनेजमेंट ने संज्ञान लेते हुए मुरली विजय पर दस फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। तमिलनाडु टीम के लिए कुछ निर्णय सही नहीं गए। शायद यही वजह रही कि विजय अपने एक्शन पर नियंत्रण नहीं रख पाए।
कर्नाटक की टीम ने स्टंप्स तक छह विकेट के नुकसान पर 259 रन बनाए। देवदत्त पदिक्क्ल ने 78 और पवन देशपांडे ने 65 रन की पारी खेली। तमिलनाडु के स्पिनरों ने बेहतर गेंदबाजी का प्रदर्शन किया, सिद्धार्थ ने दो और अश्विन ने एक विकेट झटका।