हाल ही में बांग्लादेश के सबसे अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक मुशफिकुर रहीम (Mushfiqur Rahim) ने लगातार अपने खराब प्रदर्शन से निराश होकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी20 प्रारूप को अलविदा कहा। उन्होंने वनडे और टेस्ट में ध्यान केंद्रित करने का हवाला दिया था। हालाँकि सभी को पता है कि उनके बल्ले से छोटे प्रारूप में रन नहीं आ रहे थे और यही वजह से उनके संन्यास के पीछे भी रही। इस बीच बल्लेबाज के बचपन के कोच नजमुल आबेदीन की भी प्रतिक्रिया आई है, जिनको लगता है कि टी20 की मांग को पूरा करने के लिए रहीम कुछ ज्यादा ही प्रयास कर रहे थे।
मुशफिकुर रहीम ने अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए आखिरी बार यूएई में खेले जा रहे एशिया कप में हिस्सा लिया था। वहां भी उनका प्रदर्शन खराब रहा और दो मैचों में उनके बल्ले से 5 रन आये। पिछले 16 टी20 मुकाबलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने महज एक बार फिफ्टी जमाई है। अपने खराब प्रदर्शन के कारण उन्होंने 4 सितम्बर को सोशल मीडिया माध्यम से छोटे प्रारूप से संन्यास का ऐलान कर दिया।
मुशफिकुर के कोच ने कहा कि बल्लेबाज एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था और इसलिए, नेट सत्र में अपने करैक्टर से बाहर जाने की कोशिश कर रहा था।
वह अपने पैटर्न से दूर जा रहा था - नजमुल आबेदीन
क्रिकबज से बात करते हुए उन्होंने कहा,
देखिए, मैंने उसे एशिया कप में जाने से पहले नेट्स में कई शॉट लगाने की कोशिश करते देखा है और सच कहूं तो वह बहुत मेहनत कर रहा था और कई बार अपने चरित्र से बाहर जाकर यह सुनिश्चित कर रहा था कि वह टी20 की मांगों को पूरा करे। इसका उनकी बल्लेबाजी पर असर पड़ सकता था, क्योंकि उनका अपना पैटर्न था, और जो कोई अपने पैटर्न से दूर जाता है, उसके सफल होने की संभावना नहीं है। अगर मैं एक बल्लेबाज हूं और मैं हमेशा सोचता हूं कि मुझे जल्दी से स्कोर करना है, तो यह शायद ही काम करेगा। यदि गेंद हिट करने के लिए है, तो वह उसे दिमाग में हिट करेगा जो उसकी क्रिया को निर्देशित करेगा, लेकिन यदि वह शॉट खेलने के लिए पूर्वनिर्धारित है, तो यह उल्टा हो सकता है।
2006 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ अपने टी20 करियर की शुरुआत करने वाले दिग्गज खिलाड़ी ने बांग्लादेश के लिए 102 मुकाबले खेले और 19.48 की औसत और 115.03 के स्ट्राइक रेट से 1500 रन बनाये। इस प्रारूप में उनके नाम 6 अर्धशतक भी दर्ज हैं।