"मुझे सचिन तेंदुलकर की बजाय वीरेंदर सहवाग को गेंदबाजी करने से ज्यादा डर लगता था"

Nitesh
वीरेंदर सहवाग अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे
वीरेंदर सहवाग अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे

श्रीलंका (Sri Lanka Cricket Team) के पूर्व ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अपने करियर के दौरान वो कभी - कभी सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने से नहीं डरते थे, बल्कि वीरेंदर सहवाग से ज्यादा डर लगता था क्योंकि वो कभी भी आपके ऊपर अटैक कर सकते थे।

ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में मुथैया मुरलीधरन ने बताया कि सहवाग कभी भी आपके खिलाफ अटैक कर सकते थे।

वीरेंदर सहवाग के आते ही हम फील्डर बाउंड्री पर लगा देते थे - मुथैया मुरलीधरन

उन्होंने कहा "सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने में डर नहीं लगता था क्योंकि वो आपको नुकसान नहीं पहुंचाते थे। वहीं दूसरी तरफ वीरेंदर सहवाग आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते थे। वीरेंदर सहवाग काफी खतरनाक खिलाड़ी थे। जब वो बैटिंग के लिए आते थे तो हम फील्डर्स को दूर लगा देते थे क्योंकि हमें पता था कि वो जरूर अटैक करेंगे। सहवाग को ये पता था कि अपना दिन होने पर वो दुनिया के किसी भी गेंदबाज को अटैक कर सकते हैं।"

इससे पहले मुथैया मुरलीधरन ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में एम धोनी के नम्बर पांच पर खेलने का कारण भी बताया। मुरलीधरन ने कहा कि एम एस धोनी ने उनका दूसरा पढ़ना सीख लिया था और इसी वजह से वो फाइनल मैच में पांचवे नंबर पर आए थे।

मुरलीधरन ने कहा कि मैं कहूंगा कि जब मैं चेन्नई सुपर किंग्स में एम एस को गेंदबाजी कर रहा था, तो अंत में उन्होंने इस गेंद को पढ़ना सीख लिया था। मुझे याद है कि विश्व कप में युवराज को मेरे बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह आने वाले थे लेकिन मुझे लगता है कि मेरी वजह से धोनी पहले आए।

गौरतलब है कि मुरलीधरन के नाम टेस्ट और वनडे दोनों में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। मुरली ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट हासिल किये हैं। वहीं एकदिवसीय क्रिकेट में भी उन्होंने 534 विकेट अपने नाम किये हैं। उनके इस आंकड़े तक किसी गेंदबाज का पहुंचना काफी मुश्किल लग रहा है।

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Edited by Nitesh