भारत में लम्बे समय तक रहा अच्छे तेज गेंदबाजों का अकाल
भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीतने से मैं भी उतना ही खुश और रोमांचित हूं जितना प्रत्येक भारतीय। इसलिए इस लेख को मैं एक खेल पत्रकार की हैसियत से नहीं बल्कि प्रशंसक की हैसियत से लिख रहा हूं। मैं उस प्रशंसक के नजरिए से ही इस जीत का विश्लेषण करना चाहूंगा जैसा हर भारतीय इस समय सोच रहा होगा।
आम क्रिकेट फैन की तरह स्कूली दिनों से ही क्रिकेट से लगाव। अख़बार को आगे की बजाय पीछे से खोलकर सबसे पहले खेल की ख़बरों को जिज्ञासावश पढ़ना। ये सब मेरी तरह देश के करोड़ों फैंस ने किया होगा। उस समय ख़बर पढ़ते वक्त एक बात हमेशा खटकती थी कि विदेशी तेज गेंदबाजों के नाम के आगे तेज गेंदबाज, तूफानी गेंदबाज, स्विंग के बादशाह, सफेद बिजली, एक्सप्रेस गेंदबाज, स्पीड स्टार लिखा होता था। जबकि ज्यादातर भारतीय गेंदबाजों के नाम के आगे मध्यम तेज गेंदबाज या मध्यम गति के गेंदबाज लिखा होता था। तब मन में सवाल उठता था कि भारतीय गेंदबाजों के नाम के साथ ऐसा कुछ क्यूं नहीं लिखा जाता। तब बालपन में इन सवालों के जवाब नहीं थे लेकिन आज हैं।